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Friday, 22 November, 2024
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दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों को शुक्रवार की आधी रात तक बकाये का भुगतान करने को कहा

दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.

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नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग ने उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को शुक्रवार की अर्द्धरात्रि से पहले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये का भुगतान करने का आदेश दिया.

दूरसंचार विभाग के एक आदेश के अनुसार कंपनियों को शुक्रवार को रात 11.59 तक बकाये का भुगतान करने को कहा गया है.

दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने दिन में इस संबंध में सुनवाई करते हुए एजीआर बकाये के भुगतान संबंधी अपने पुराने आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को झाड़ लगाने के साथ ही दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की.

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये चुकाने की पेशकश की

भारती एयरटेल ने शुक्रवार को दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये का बकाया 20 फरवरी तक देने, और उच्चतम न्यायालय में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले अगली सुनवाई से पहले बाकी बकाया चुकाने की पेशकश की.

उच्चतम न्यायालय की तल्ख टिप्पणी के बाद दूरसंचार विभाग ने शुक्रवार को सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को दिन के अंत तक अपना बकाया चुकाने का निर्देश दिया है.

एयरटेल ने दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) को भेजे पत्र में कहा, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले और उनके निर्देश के अनुपालन में हम 20 फरवरी 2020 तक भारती समूह की कंपनियों की ओर से 10,000 करोड़ रुपये (खाते में) जमा कर देंगे.’

एयरटेल पर सरकार का करीब 35,586 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं.

पत्र में कहा गया है, ‘आप स्वीकार करेंगे कि यह एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें 22 सर्किल, बहुस्तरीय लाइसेंस हैं… और इसलिए इसमें समय लगता है.’

शीर्ष न्यायालय के फैसले के अनुसार दूरसंचार कंपनियों को 23 जनवरी तक अपना बकाया चुकाना था.

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने दिन में इस संबंध में सुनवाई करते हुए एजीआर बकाये के भुगतान संबंधी अपने पुराने आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को झाड़ लगाने के साथ ही दूरसंचार विभाग की भी खिंचाई की.

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