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Wednesday, 17 December, 2025
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तेलंगाना सुरंग ढहने की घटना: खोज अभियान में रोबोट किया गया शामिल

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नगरकुरनूल (तेलंगाना), 11 मार्च (भाषा) तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग में फंसे सात लोगों का पता लगाने के लिए मंगलवार को अभियान में रोबोट को शामिल किया गया।

हैदराबाद की एक रोबोटिक्स कंपनी की टीम एक रोबोट के साथ मंगलवार सुबह सुरंग के अंदर गई। 110 बचावकर्मी भी सुरंग में गए।

तेलंगाना सरकार ने बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए रोबोट तैनात करने का निर्णय लिया है, क्योंकि सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ के कारण स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं।

राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने आठ मार्च को कहा था कि सरकार रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग करके इस अभियान को शुरू करने के लिए चार करोड़ रुपये खर्च करेगी।

उन्होंने कहा कि विशाल टीबीएम के टुकड़े सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों में मिल गए हैं इसलिए वे बचाव दल के लिए खतरा बन गए हैं।

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया कि यदि जरूरी हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी खतरे से बचाया जा सके। उन्होंने दो मार्च को सुरंग का दौरा किया था।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सरकारी खनन कंपनी ‘सिंगरेनी कोलियरीज’, खनिकों और अन्य की टीमें खोजी कुत्तों और रडार सर्वेक्षण द्वारा बताए गए विशिष्ट स्थानों पर सात व्यक्तियों का पता लगाने के लिए खोज अभियान जारी रखे हुए हैं।

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) सर्वेक्षणों के आधार पर बचाव कर्मी संदिग्ध स्थानों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

इस खोज में केरल पुलिस के मानव अवशेष खोजी कुत्तों (एचआरडीडी) की भी मदद ली गई।

दो दिन पहले बचाव कर्मियों ने सुरंग निर्माण कार्य में लगी एक विदेशी कंपनी में काम करने वाले टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) संचालक गुरप्रीत सिंह का शव बरामद किया था।

शव को वाहन से पंजाब में उनके पैतृक स्थान भेजा गया।

तेलंगाना सरकार ने उनके परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है।

एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी को हुए हादसे में इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंस गए थे। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

भाषा

नोमान माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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