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Wednesday, 5 March, 2025
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तेलंगाना सुरंग हादसा : रोबोटिक कंपनी की टीम ने बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना खंगाली

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नगरकुरनूल (तेलंगाना), पांच मार्च (भाषा) तेलंगाना के नगरकुरनूल में एक रोबोटिक कंपनी की टीम श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के उस हिस्से में गयी जो आंशिक रूप से ढह गया है और वहां पिछले 12 दिन से आठ लोग फंसे हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बचाव अभियान में रोबोट के इस्तेमाल की संभावना पर विचार कर रही है और इसी के तहत यह टीम सुरंग के अंदर गयी थी।

उन्होंने बताया कि दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी बचाव दलों के साथ भूकंप संबंधी अध्ययन करने के लिए सुरंग के अंदर गए।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हैदराबाद की रोबोटिक कंपनी की टीम ने इस बात की जांच की कि क्या रोबोट सुरंग के अंदर गहराई तक जा सकता है और क्या वह वहां काम कर सकता है, क्योंकि वहां आर्द्रता अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘‘मंगलवार (चार मार्च) को टीम ने इलाके का मुआयना किया। वे हमें सारी बातें बतायेंगे।’’

उन्होंने कहा कि टीम यह बताएगी कि रोबोट काम कर सकते हैं या नहीं।

अधिकारी कहा कि दूसरी बात यह कि जब भविष्य में सुरंग में परियोजना से संबंधित कार्य पुनः शुरू होगा, तो चट्टानों की संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रोबोट प्रारंभिक टोह लेने का कार्य कर सकते हैं।

दो मार्च को सुरंग का दौरा करने के दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो, सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी जोखिम से बचाया जा सके।

बचाव अभियान बुधवार को तेज गति से जारी रहा। बचाव अभियान के तहत वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए स्थानों पर मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए खुदाई की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य स्थानों पर भी खुदाई की जा रही है। इन वैज्ञानिकों ने मानव उपस्थिति का पता लगाने के लिए ‘ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार’ (जीपीआर) का उपयोग किया है।

सुरंग के अंदर कीचड़ और पानी सहित कठिन परिस्थितियों ने बचाव कर्मियों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा पहचाने गए अन्य स्थानों पर पहले किए गए निरीक्षणों में मानव उपस्थिति के कोई संकेत नहीं मिले थे।

खुदाई के लिए क्षेत्र का चयन करने के लिए एनडीआरएफ के खोजी कुत्ते की सेवाएं भी ली गई हैं।

एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूर समेत आठ लोग फंसे हुए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

भाषा राजकुमार वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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