हैदराबाद, 11 दिसंबर (भाषा) तेलंगाना में ग्राम पंचायत चुनावों के पहले चरण में बृहस्पतिवार को 84 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने यह जानकारी दी।
निर्णायक जीत का दावा करते हुए, सत्तारूढ़ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ ने कहा कि पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने 90 प्रतिशत से अधिक सीट हासिल कीं और ये परिणाम जनता के राज्य सरकार पर विश्वास को दर्शाती हैं।
यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 53,57,277 पात्र मतदाताओं में से 45,15,141 (84.28 प्रतिशत) ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
तेलंगाना में बृहस्पतिवार को 3,834 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और अपराह्न एक बजे समाप्त हो गया।
मतदान समाप्त होने के बाद अपराह्न दो बजे से मतों की गिनती शुरू हुई।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) महेश एम. भागवत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस द्वारा किए गए व्यापक सुरक्षा इंतजामों के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
एक विज्ञप्ति में बताया गया कि 396 ग्राम पंचायतों में सर्वसम्मति से चुनाव हुए।
कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों की शानदार जीत पर खुशी जताते हुए महेश कुमार गौड़ ने कहा, ‘‘राज्य भर में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों द्वारा सरपंच की 90 प्रतिशत से अधिक सीट पर जीत कांग्रेस सरकार में जनता के भरोसे का प्रमाण है।’’
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष एन. रामचंदर राव ने कहा कि पार्टी ने ग्राम पंचायत चुनावों में महत्वपूर्ण लाभ हासिल किया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी के बढ़ते समर्थन का संकेत है।
तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 नवंबर को ग्राम पंचायत चुनावों के लिए तीन चरणों की समय-सारिणी की घोषणा की थी। इसके अनुसार मतदान 11 दिसंबर के अलावा 14 और 17 दिसंबर को कराने का कार्यक्रम है।
हाल ही में हुए जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने जीत हासिल की थी जिसके बाद ग्राम पंचायत चुनाव को कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और बीजेपी के लोकप्रियता की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस सरकार के स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण देने के कदम के बाद सरकार को कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ा रहा है जिसकी वजह से तेलंगाना सरकार ने 17 नवंबर को केवल ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कराने का निर्णय लिया वहीं अन्य ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव स्थगित कर दिया।
भाषा यासिर प्रशांत
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