हैदराबाद, आठ जून (भाषा) पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक ऐसे नेता हैं, जिनका सार्वजनिक जीवन में कोई दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी नहीं है।
कोविंद ने दत्तात्रेय की तेलुगु में लिखी आत्मकथा ‘प्रजाल कथे, ना आत्मकथा’ (जनता की कहानी मेरी आत्मकथा) का विमोचन करने के बाद कहा कि दत्तात्रेय एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो सभी के मित्र हैं।
इस कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के उनके समकक्ष ए. रेवंत रेड्डी, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी समेत कई नेता शामिल हुए।
कोविंद ने कहा, “मुझे लगता है कि उनके (दत्तात्रेय के) जीवन के शब्दकोश में शायद दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी जैसे शब्द नहीं हैं।”
पूर्व राष्ट्रपति ने गरीबों के उत्थान और जरूरतमंदों की सहायता के लिए दत्तात्रेय के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए आपातकाल के दौरान उनके जेल जाने के किस्से को भी याद किया।
उन्होंने कहा, “कारावास के दौरान, वह (दत्तात्रेय) अपने साथी जेल कैदियों को यह कहकर प्रोत्साहित करते थे कि वे जल्द ही जेल से रिहा हो जाएंगे।”
कोविंद ने कहा कि केंद्रीय श्रम मंत्री के रूप में दत्तात्रेय द्वारा न्यूनतम मजदूरी, न्यूनतम पेंशन और ग्रेच्युटी में वृद्धि जैसी पहलों से आज भी लाखों-करोड़ों कामगार लाभान्वित हो रहे हैं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि दत्तात्रेय का कोई निजी जीवन नहीं रहा क्योंकि उनका जीवन हमेशा लोगों से जुड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि जैसे ‘बच्चों के डायपर बदले जाते हैं, ठीक वैसे ही कुछ राजनेताओं ने पार्टी बदल ली।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि एक विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध रहना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि ईमानदारी और निष्ठा, जिसका उदाहरण दत्तात्रेय हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने दत्तात्रेय को ‘सज्जन राजनेता’ बताते हुए 1977 के विनाशकारी चक्रवात के दौरान आंध्र के कृष्णा जिले में उनकी सेवा (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में) और आपातकाल के दौरान उनके जेल जाने को लेकर भी उनकी प्रशंसा की।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दत्तात्रेय के विनम्र स्वभाव और लोकसभा सदस्य, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के रूप में उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा के राज्यपाल का जीवन कई मायनों में एक आदर्श है।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन.वी रमण ने भी मानवीय संबंधों के लिए दत्तात्रेय की प्राथमिकता की सराहना की।
तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा और उनके आंध्र, त्रिपुरा और ओडिशा के समकक्ष क्रमशः एस अब्दुल नजीर, एन इंद्रसेन रेड्डी और के. हरि बाबू तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
भाषा जितेंद्र प्रशांत
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