scorecardresearch
बुधवार, 11 जून, 2025
होमदेशतेलंगाना उच्च न्यायालय ने ओएमसी मामले में जनार्दन रेड्डी की सजा निलंबित की, जमानत दी

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने ओएमसी मामले में जनार्दन रेड्डी की सजा निलंबित की, जमानत दी

Text Size:

हैदराबाद, 11 जून (भाषा) तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी को ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के अवैध लौह अयस्क खनन मामले में दोषी ठहराये जाने के फैसले और सुनाई गई सजा को बुधवार को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत दे दी।

उच्च न्यायालय ने मामले में रेड्डी के साथ दोषी ठहराए गए तीन अन्य लोगों की जमानत याचिका भी स्वीकार कर ली।

यहां एक विशेष सीबीआई अदालत ने 6 मई को जनार्दन रेड्डी और तीन अन्य लोगों को दोषी ठहराया। इनमें उनके रिश्तेदार तथा ओएमसी के प्रबंध निदेशक बी वी श्रीनिवास रेड्डी, तत्कालीन खान एवं भूविज्ञान निदेशक (आंध्र प्रदेश सरकार) वी डी राजगोपाल और जनार्दन रेड्डी के सहायक महफूज अली खान शामिल हैं। उन्हें सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।

पूर्व मंत्री और अन्य ने सजा के निलंबन और जमानत की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

अदालत ने उनकी सजा को निलंबित करते हुए उन्हें 10-10 लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के निजी मुचलकों पर जमानत दे दी। उन्हें अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया।

सीबीआई ने 8 दिसंबर, 2009 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

जनार्दन रेड्डी और अन्य के खिलाफ अपने आरोपपत्र में केंद्रीय एजेंसी ने उन पर खनन पट्टे की सीमा चिह्नों के साथ छेड़छाड़ करने और कर्नाटक-आंध्र प्रदेश सीमा पर बेल्लारी रिजर्व वन क्षेत्र में अवैध रूप से खनन करने का आरोप लगाया। सीबीआई ने पहले कहा था, ‘‘आरोप है कि आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ आपराधिक साजिश रची और सरकारी जमीनों और अन्य निजी व्यक्तियों की जमीनों में आपराधिक रूप से घुसपैठ करके लौह अयस्क के अवैध खनन के अपराध किए और इस तरह सरकार को 800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया।’’

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments