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गुरूवार, 22 मई, 2025
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तेलंगाना सरकार का विशेषज्ञ समूह अपनी तरह का पहला ‘समग्र पिछड़ापन सूचकांक’ तैयार करेगा

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नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) तेलंगाना सरकार के विशेषज्ञ कार्य समूह ने जातिगत सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर 243 उप-जातियों के बीच असमानताओं को मापने के लिए अपनी तरह का पहला ‘समग्र पिछड़ापन सूचकांक’ तैयार करने का निर्णय लिया है।

तेलंगाना सरकार द्वारा इस साल सात मार्च को न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ कार्य समूह ने जातिगत सर्वेक्षण के तहत एकत्र आंकड़ों पर चर्चा और विश्लेषण करने के लिए यहां बैठक की।

इस सर्वेक्षण की रूपरेखा 2024 के सामाजिक शिक्षा रोजगार आर्थिक राजनीतिक जाति (एसईईईपीसी) सर्वेक्षण के तहत एकत्र आंकड़ों का अध्ययन, विश्लेषण और व्याख्या करने के लिए तैयार की गयी थी।

संविधान में निहित सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए, विशेषज्ञ कार्य समूह तेलंगाना की प्रत्येक उपजाति के लिए एक ‘समग्र पिछड़ापन सूचकांक’ तैयार करेगा।

विशेषज्ञ कार्य समूह के संयोजक प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि ‘‘समग्र पिछड़ापन सूचकांक’’ प्रत्येक उपजाति के सापेक्ष पिछड़ेपन का एक संख्यात्मक और वस्तुनिष्ठ माप होगा, जिसकी गणना एसईईईपीसी आंकडों के सभी मापदंडों का उपयोग करके सांख्यिकीय विश्लेषण के माध्यम से की जाएगी।

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समूह पिछड़ेपन का समग्र मापन करने के लिए सामाजिक, शिक्षा, जीवन स्तर, व्यवसाय, आय, चल और अचल संपत्ति तथा बैंकिंग और वित्त तक पहुंच जैसी सात श्रेणियों के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच विभाजित 43 मापदंडों का उपयोग करेगा।

यह मंडल आयोग की रिपोर्ट की याद दिलाता है जिसने उप-जातियों के सापेक्ष पिछड़ेपन की गणना के लिए 11 मापदंडों का उपयोग किया था।

चक्रवर्ती ने कहा कि विशेषज्ञ समूह ने सांख्यिकीय और आंकड़ों संबंधी कार्य को पूरा कर लिया है तथा आज अपनी बैठक में समग्र पिछड़ापन सूचकांक (सीबीआई) के निष्कर्षों पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई पद्धति, विश्लेषण के लिए इस्तेमाल किए गए मापदंडों, आलेखीय प्रस्तुति और बड़े निष्कर्षों पर आम सहमति थी। विशेषज्ञ समूह रिपोर्ट के प्रारूपण के अगले चरण में आगे बढ़ेगा और उम्मीद है कि एक महीने के भीतर या उससे पहले तेलंगाना सरकार को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।’’

चक्रवर्ती ने बताया कि अंतिम रिपोर्ट पर चर्चा और अनुमोदन के लिए विशेषज्ञ समूह की अगली बैठक शीघ्र ही आयोजित की जाएगी।

विशेषज्ञ समूह ने यह भी सिफारिश की है कि तेलंगाना सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए, बिना किसी परिवार विशेष की जानकारी का खुलासा किए, एसईईईपीसी के आकंडों को अनुसंधान समुदाय को विश्लेषण के वास्ते उपलब्ध कराए।

विशेषज्ञ समूह में नौ पूर्णकालिक सदस्य और अन्य विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं, जो समाजशास्त्र, जाति अध्ययन, इतिहास, नीति, कानून, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी और अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं।

विशेषज्ञ समूह की इससे पहले तीन बैठकें हैदराबाद में हुई थीं।

तेलंगाना 2024 एसईईईपीसीसी सर्वेक्षण में 3.55 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था और प्रत्येक व्यक्ति के बारे में 75 क्षेत्रों में जानकारी एकत्र की गई है, जिसमें उनके दैनिक जीवन के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, पहचान, व्यवसाय और जीवन-यापन संबंधी पहलुओं को शामिल किया गया है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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