हैदराबाद, दो जून (भाषा) तेलंगाना का स्थापना दिवस सोमवार को पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया गया और सरकार, राजनीतिक दलों और सांस्कृतिक संगठनों ने इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और कई अन्य नेताओं ने इस अवसर पर तेलंगाना के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
तेलंगाना को 2014 में इसी दिन आंध्र प्रदेश से अलग करके राज्य का दर्जा दिया गया था।
मुर्मू ने कहा, ‘‘तेलंगाना के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई। इस युवा राज्य में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक एवं तकनीकी विकास का एक शानदार आधुनिक वातावरण है। मेरी कामना है कि तेलंगाना के लोग प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ें।’’
तेलंगाना के लोगों को शभुकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य के लोगों के जीवन यापन की सुगमता के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के अद्भुत लोगों को उनके राज्य दिवस पर बधाई। यह राज्य राष्ट्रीय प्रगति में अनगिनत योगदान देने के लिए जाना जाता है।’
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हालांकि दो अलग-अलग तेलुगु राज्य हैं, लेकिन तेलुगु लोग और समुदाय एक हैं।
उन्होंने कहा कि विकास में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हुए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को अपराजेय शक्तियों के रूप में उभरने के लिए शीर्ष स्थान पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक तेलुगु नागरिक से इस यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया।
तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने यहां राजभवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राज्य और दुनियाभर में बसे तेलंगाना के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में राज्य द्वारा की गई प्रगति की सराहना करते हुए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सुविचार के प्रति सामूहिक संकल्प लेने का आह्वान किया।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने यहां परेड ग्राउंड में राज्य सरकार द्वारा आयोजित आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कहा कि उनकी सरकार राज्य को 2047 तक तीन हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है, जबकि देश तब तक 30 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है।
रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार 2047 तक राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10 प्रतिशत का योगदान करने की उम्मीद करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत 2047 तक 30 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रयास कर रहा है। चूंकि भारत और (केंद्र) सरकार 30 हजार अरब डॉलर बनने की योजना बना रही हैं, हम राज्य को इसमें भागीदार बनाने और राज्य को शीर्ष पर लाने के लिए ‘तेलंगाना राइजिंग 2047’ नीति दस्तावेज लेकर आए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना की आबादी देश की मौजूदा आबादी का केवल 2.5 प्रतिशत है, लेकिन देश की जीडीपी में राज्य पांच प्रतिशत का योगदान देता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में राज्य के गठन के बाद (पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति सरकार के दौरान) लोगों की आकांक्षाएं पूरी नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिसंबर 2023 में सत्ता संभालने के बाद अतीत की गलतियों को ठीक करने और राज्य को पुनर्निर्माण के रास्ते पर लाने का काम कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड का निरीक्षण किया।
उन्होंने तेलंगाना राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले दिवंगत लोक गायक गद्दर समेत नौ प्रतिष्ठित व्यक्तियों को एक-एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया। कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों के मामले में नकद पुरस्कार संबंधित परिवार के सदस्यों को प्रदान किया गया।
उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क खम्मम में स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए, जबकि राज्य के मंत्रियों ने जिलों में समारोह में भाग लिया।
यह दिवस उच्च न्यायालय, सत्तारूढ़ कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीआरएस और तेलंगाना जागृति के कार्यालयों में भी मनाया गया।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री और तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने राज्य भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
बीआरएस के वरिष्ठ विधायक एवं पार्टी अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव के रिश्तेदार टी हरीश राव और अन्य नेता यहां बीआरएस मुख्यालय में स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए।
बीआरएस की विधान पार्षद के. कविता ने अपने नेतृत्व वाले सांस्कृतिक संगठन तेलंगाना जागृति के कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने अमेरिका के डलास में बीआरएस एनआरआई अमेरिका द्वारा बड़े पैमाने पर आयोजित तेलंगाना स्थापना दिवस और बीआरएस रजत जयंती समारोह में भाग लिया।
राज्य के लिए एक लंबे आंदोलन के बाद, अविभाजित आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना अस्तित्व में आया था।
भाषा अमित सुभाष
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