मुंबई, 20 फरवरी (भाषा) तीसरा मोर्चा बनाने की चर्चा के बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के प्रयासों के तहत रविवार को महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात की।
राव और ठाकरे ने बदलाव को वक्त की जरूरत बताया जबकि पवार ने कहा कि देश के सामने मौजूद गरीबी, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है।
हालांकि, न तो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख राव, और न ही शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे या राकांपा प्रमुख पवार ने तीसरे मोर्चे के बारे में स्पष्ट शब्दों में बात की।
इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव के भाजपा-विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों का स्वागत करती है, हालांकि, साथ ही आगाह किया कि क्षेत्रीय दलों की इस तरह की पहल सत्तारूढ़ भाजपा की ‘‘एकमात्र विकल्प’’ कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकती।
ठाकरे के निमंत्रण पर मुंबई की यात्रा पर आये राव ने कहा कि वह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस बात पर सहमत हुए हैं कि बदलाव समय की जरूरत है।
ठाकरे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में दो घंटे की बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जहां राव ने कहा कि यह एक ‘‘अच्छी शुरुआत’’ है और वे अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के नेताओं से बात करने के बाद फिर से मिलेंगे।
उन्होंने कहा, “ हमने आजादी के 75 साल बाद देश के समक्ष राजनीतिक स्थिति, विकास के मुद्दों पर चर्चा की।”
वहीं, भाजपा पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मौजूदा समय में ‘‘बदले की राजनीति’’ न तो हिंदुत्व है और न ही भारतीय संस्कृति है। उन्होंने कहा कि स्थिति को बदलने की जरूरत है।
इसके बाद राव दक्षिण मुंबई में स्थित पवार के आवास पर गये जहां उन्होंने उनके साथ राजनीतिक चर्चा की।
पवार ने कहा कि देश के सामने मौजूद गरीबी, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए सभी समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ आने की जरूरत है।
राव ने कहा, “मैं यहां शरद पवार के साथ राजनीतिक चर्चा करने और आजादी के 75 साल बाद देश को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर बात करने आया था। हमने उन बदलावों को लाने की जरूरत पर भी चर्चा की जो आवश्यक हैं लेकिन अभी तक नहीं किए गए हैं।”
राव ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे और उन्होंने माना कि देश में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, “आगे की राह पर अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों से बात करने के बाद हम फिर से मिलेंगे। महाराष्ट्र से लिया गया रास्ता हमेशा सफलता की ओर ले जाता है। यह एक अच्छी शुरुआत है और यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है।”
राव ने कहा कि उन्होंने ठाकरे को हैदराबाद आमंत्रित किया है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “तेलंगाना और महाराष्ट्र 1,000 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। हमें राज्यों और देश दोनों के विकास के लिए एक दूसरे के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने की जरूरत है।”
ठाकरे ने कहा कि अगर ऐसा ही माहौल बना रहा तो देश का भविष्य क्या होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि राव के साथ उनकी चर्चा इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती रही।
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि देश का विकास प्राथमिकता है और राज्यों को भी एक दूसरे के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने की जरूरत है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, “बदले की राजनीति अच्छी नहीं है। अपने कार्यकाल के दौरान विकास के मुद्दों पर बोलने के बजाय राजनीतिक विरोधियों के बारे में झूठ और गलत सूचना फैलाई जाती है।”
बैठक में मौजूद लोगों में शिवसेना सांसद संजय राउत, पार्टी प्रवक्ता अरविंद सावंत, राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई और मुख्यमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह शामिल थे।
इस बीच, कांग्रेस ने कहा कि वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव के भाजपा-विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों का स्वागत करती है, लेकिन साथ ही आगाह किया कि क्षेत्रीय दलों की इस तरह की पहल सत्तारूढ़ भाजपा की ‘‘एकमात्र विकल्प’’ कांग्रेस के बिना सफल नहीं हो सकती।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा-विरोधी मोर्चा बनाने के राव के प्रयासों का स्वागत है, लेकिन कांग्रेस के बिना, ऐसे प्रयास न तो पूरे होंगे और न ही सफल होंगे।’’
उन्होंने कहा कि टीआरएस ने पहले संसद में एक रूख लिया था, जो भाजपा के लिए ‘फायदेमंद’ था लेकिन अब भाजपा के बारे में उसके विचार बदल गए हैं। पटोले ने कहा, ‘‘हम हृदय परिवर्तन का स्वागत करते हैं।’’
भाषा देवेंद्र शफीक
शफीक
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