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Saturday, 20 April, 2024
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आंबेडकर, मायावती और तेजस्वी वाली तस्वीर की कहानी

तेजस्वी यादव जब मायावती के पैर छू रहे हैं तो बैकग्राउंड में बाबा साहेब आंबेडकर की एक पेटिंग्स है. ये तस्वीर किसने खींची और किसने इसके लिए कहा?

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नई दिल्ली : सोमवार को ये तस्वीर सबसे पहले बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर रहे तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक वाल पर लगाई. इसके बाद से ही ये सोशल मीडिया में फैल गई. जिसने इस तस्वीर को जिस नजरिए से देखा. उसका वैसा मतलब निकाला.

इस तस्वीर में क्या है? यह तस्वीर मायावती के लखनऊ बंगले के स्टडी रूम की है, जहां मायावती मेहमानों से मिलती है. इस तस्वीर के बैकग्राउंड में बाबा साहेब की एक पेंटिंग है, जिसमें वे अध्ययन कर रहे हैं. मेज पर कई किताबें रखीं है, जिनमें भारत का संविधान भी है. तस्वीर में तेजस्वी यादव मायावती के पैर छून के लिए झुके हुए हैं. उनके हाथ घुटने तक पहुंचे हैं. उनकी आंखें बंद हैं. शायद आदर भाव से या फिर हो सकता है यूं ही. बहनजी तेजस्वी के माथे पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दे रही हैं.

इसमें कुछ दलों का नेताओं की मतलबपरस्ती दिखी तो कुछ को मायावती की व्यक्ति पूजा तो कुछ को दिखा कि वोट पाने के लिए नेता नाटक कर रहे हैं. कुछ को लगा कि तेजस्वी ने यादवों की बेइज्जती कर दी है तो किसी को लगा कि एक दलित नेता ने यादवों को औकात पर ला दिया है, जैसा कि शिवम विज ने दप्रिंट में लिखा है. जिसकी जैसी भावना थी, इस तस्वीर में उसने वो देख लिया. ऐसा किसी भी इमेल के साथ होता है.

इसलिए मैं आपको ये नहीं बता रहा हूं कि आप इस तस्वीर में क्या देखें. आप अपने विचार के हिसाब से इसमें जो देखना चाहते हैं, वह देखें.

लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि मैंने इस तस्वीर में क्या देखा. मैने इस बारे में लिखा है कि – ‘बहनजी के पैर छूकर तेजस्वी यादव ने जातिवाद, ब्राह्मणवाद और मर्दवाद यानी पेट्रियार्की तीनों को को धक्का दिया है.’

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किसी के भी पैर छूना अच्छी बात नहीं है. लेकिन अलग जाति व्यवस्था के क्रम में ऊपर का आदमी नीचे के आदमी के चरण स्पर्श करता है, खासकर तब जब वह महिला हो तो ये एक क्रांतिकारी काम है और इसे समाज सुधार के नजरिए से देखा जाना चाहिए.

वहीं अगर नीचे की जाति का आदमी ऊंची जाति के पुरुष के चरण छुए तो इससे जातिवाद मजबूत होता है.

क्या है इस तस्वीर के खींचे जाने की कहानी

सोमवार की सुबह तेजस्वी यादव फ्लाइट से पटना से लखनऊ पहुंचे. समय था करीब नौ बजे. वहां से फोन पर मायावती के घर पर बात हुई तो कहा कि सीधे बंगले पर आ जाइए. तो एक गाड़ी में तेजस्वी यादव और आरजेडी के यूपी अध्यक्ष अशोक सिंह, जो वी.पी. सिंह के परिवार से जुड़े हैं, और सुरक्षाकर्मी बंगले की ओर चल पड़े. उनके पास एक गुलदस्ता था, जिसे नीले रंग के रैपर से सजाया गया था. बंगले पर बहनजी उनका इंतजार कर रही थीं. वहां स्वागत सतीश मिश्रा ने किया.

दोनों नेताओं की मुलाकात हुई. जब फोटो खींचने की बारी आई तो अशोक सिंह, सतीश मिश्रा और तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव तथा बहनजी का भतीजा आकाश सभी ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीर ली. इसी दौरान बहनजी ने तेजस्वी से कहा कि एक तस्वीर बाबा साहेब की फोटो की नीचे होनी चाहिए.

यहीं पर वो तस्वीर खींची गई, जिसमें तेजस्वी झुककर मायावती के पैर छू रहे हैं और मायावती उन्हें आशीर्वाद दे रही हैं. जो तस्वीर तेजस्वी यादव के वाल पर लगी है, उसमें इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि बाबा साहब की फोटो कट न जाए.

तेजस्वी और बहनजी की मुलाकात लगभग सवा दो घंटे तक चली. इस बातचीत में कोई और नहीं था. बाद में इस बातचीत में बाकी नेता भी शामिल हो गए. इसके बाद ये सभी नेता मीडिया के सामने आए, जहां मायावती और फिर तेजस्वी यादव ने उनसे बात की.

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