मुंबई, दो जुलाई (भाषा) भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव की ‘‘संशोधित वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंकने’’ की टिप्पणी बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने का एक प्रयास है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पाल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘तेजस्वी और ओवैसी के बीच प्रतिस्पर्धा है। वे मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखते हैं।’’
तेजस्वी ने कहा था कि अगर बिहार में उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह संशोधित वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक देगी।
पाल ने दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी इस कानून का विरोध कर रहे हैं, जबकि देश भर के गरीब और पसमांदा मुसलमान इसका समर्थन कर रहे हैं।
पसमांदा एक व्यापक शब्द है जिसमें पिछड़े, दलित और आदिवासी मुसलमान शामिल हैं।
पाल ने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य जरूरतमंद मुसलमानों के लाभ के लिए वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है।
उन्होंने कांग्रेस और राजद पर लोगों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया और उन्हें चुनौती दी कि वे कानून में ऐसा कोई प्रावधान बताएं जिसमें मुसलमानों से वक्फ की जमीन लेकर दूसरों को देने का प्रावधान हो।
तेजस्वी के ‘कूड़ेदान’ वाले बयान पर पाल ने कहा कि राजद नेता उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं जिन्होंने अवैध रूप से वक्फ की जमीन हड़पी है।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सच्चर समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू कर रही है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि वक्फ संपत्तियों से सालाना 12,000 करोड़ रुपये की आय हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केवल 163 करोड़ रुपये ही प्राप्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संशोधन पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करता है, जिसमें सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड है और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के पोर्टल पर विवरण उपलब्ध है।
पाल ने बताया कि जेपीसी ने 38 बैठकें कीं और देश भर के हितधारकों से परामर्श किया।
भाषा रंजन वैभव
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