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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशतेजस स्टाफ की सैलरी 50% बढ़ी लेकिन हटाए गए कर्मचारियों की नहीं हुई बहाली

तेजस स्टाफ की सैलरी 50% बढ़ी लेकिन हटाए गए कर्मचारियों की नहीं हुई बहाली

तेजस के मौजूदा स्टाफ की तो सैलरी बढ़ा दी गई है और वीकली ऑफ भी तय कर दिए गए हैं लेकिन हटाए गए स्टाफ को अभी दोबारा नहीं रखा गया है.

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लखनऊ: भारतीय रेलवे की पहली प्राइवेट रेलगाड़ी ‘तेजस’ पिछले दिनों एक दर्जन से अधिक स्टाफ को बिना नोटिस के हटाए जाने को लेकर विवादों में है. बीते 27 नवंबर को दिप्रिंट ने अपनी स्टोरी में इस मामले का खुलासा किया था. दिप्रिंट ने बताया था कि तेजस में क्रू मेंबर 18 घंटे की नौकरी, पैसेंजर्स व स्टाफ द्वारा की जा रही छेड़खानी और देर से मिल रही सैलरी से बेहद परेशान हैं और एक दर्जन से अधिक केबिन क्रू व अटैंडेंट को बिना नोटिस के निकाल भी दिया गया है.  स्टोरी के बाद मौजूदा स्टाफ की तो सैलरी बढ़ा दी गई है और वीकली ऑफ भी तय कर दिए गए हैं लेकिन हटाए गए स्टाफ को अभी दोबारा नहीं रखा गया है.

स्टोरी के बाद बढ़ी सैलरी

नाम न छापने की शर्त पर तेजस के मौजूदा स्टाफ मेंबर ने बताया कि दिप्रिंट की स्टोरी के बाद तेजस का मैनेजमेंट देख रही फर्म के टाॅप ऑफिशियल मौजूदा स्टाफ से मिलने आए और उन्हें मीडिया से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी. वहीं कुछ स्टाफ मेंबर्स ने अपनी दिक्कतें भी साझा की जिसके बाद वृंदावन फूड्स ने तेजस के स्टाफ की 50% सैलरी बढ़ा दी और वीकली ऑफ भी देने लगे हैं लेकिन हटाए स्टाफ को दोबारा नहीं रखा है. जो मौजूदा स्टाफ है उसमें एक कोच में पहले दो क्रू मेंबर काम करते थे अब एक ही कर रहा है. ऐसे में उन पर वर्कलोड भी बढ़ा है. हालांकि इस बीच छेड़छाड़ या हैरेसमेंट जैसी कोई शिकायत फिलहाल नहीं आई है.

खबर के बाद आईआरसीटीसी की ओर से भेजे गए नोटिस में बताया गया था कि 20 क्रू मेंबर्स को हटाया नहीं गया था बल्कि उनके परफार्मेंस में कमी होने के कारण दोबारा प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भेजा गया था. तेजस के स्टाफ को ट्रेनिंग देने वाले इंस्टिट्यूट के मालिक मुकेश कुमार ने बताया कि ट्रेनिंग कराने को लेकर कोई भी जानकारी उन्हें नहीं मिली है. हटाए गए बच्चे अभी परेशान भटक रहे हैं. अगर उनको दोबारा ट्रेनिंग के लिए कहा जाता है तो भी वे देने को तैयार हैं.

तेजस मैनेजमेंट नहीं दे रहा जवाब

तेजस से हटाई गई स्टाफ मेंबर अवंतिका सिंह ने बताया कि एचआर प्रदीप सिंह की ओर से कहा गया था कि किसी स्टाफ को हटाया नहीं गया है, जब इस ट्रेन में कोच बढ़ेंगे या नई तेजस ट्रेन चलेगी तो उन्हें दोबारा रख लिया जाएगा लेकिन अब वे फोन नहीं उठा रहे हैं. यहां तक की स्थानीय अखबारों से बातचीत में भी एचआर ने स्टाफ को वापस लेने की बात भी कही थी.


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अवंतिका ने बताया कि उन्होंने कई बार तेजस मैनेजमेंट से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. वहीं हटाए गए दूसरे अन्य स्टाफ के काॅल भी नहीं रिसीव किए जा रहे हैं. ऐसे में ये सभी लोग दिल्ली जाकर अब रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलने की तैयारी कर रहे हैं.

बीते चार अक्टूबर से तेजस ट्रेन लखनऊ से दिल्ली के बीच चल रही है.  इसका परिचालन आईआरसीटीसी कर रहा है लेकिन हाॅस्पिटैलिटी की जिम्मेदारी वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स (आरके एसोसिएस)’ की है. ये प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर आईआरसीटीसी के साथ जुड़ा है. इस फर्म ने केबिन क्रू व अटैंडेंट के तौर पर 40 से अधिक लड़के-लड़कियों की हायरिंग हुई लेकिन एक महीने के भीतर 20 को हटा दिया गया जिनमें लगभग एक दर्जन लड़कियां हैं. वहीं कई दिनों तक इंतजार कराने के बाद इन्हें सैलरी तो दी लेकिन दोबारा काम पर नहीं रखा.

पैसेंजर लेते थे सेल्फी, स्टाफ करता था छेड़छाड़

तेजस में फीमेल केबिन क्रू को ट्रेन हाॅस्टेस भी कहा जाता है. इनका ड्रेस अप एयर हाॅस्टेस की तरह रहता है. तेजस चलने के शुरुआती दिनों से ही लगातार पैसेंजर्स द्वारा जबरन सेल्फी लेने और कमेंट करने की खबरे आने लगी थीं जिसके बाद आईआरसीटीसी की ओर से कहा गया था कि अधिकारी होस्टेस से यात्रियों के व्यवहार का फीडबैक लेंगे. इसके आधार पर नियमों बदलाव कर शरारती यात्रियों से निपटने के प्रबंधन किए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

(दिप्रिंट की तेजस को लेकर पिछली खबर के बाद आईआरसीटीसी की ओर से नोटिस भेजा गया था कि खबर में तथ्य गलत हैं. वहीं आईआरसीटीसी के नोटिस के जवाब में  दिप्रिंट की ओर से भी साफ कर दिया गया था कि हम अपनी स्टोरी पर बरकरार हैं. हमारे पास सारे तथ्य मौजूद हैं.)

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