नयी दिल्ली,16 फरवरी (भाषा) विश्व सतत विकास सम्मेलन के 21 वें संस्करण के दौरान एक सत्र में बुधवार को कारोबार जगत के शीर्ष अधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि हरित विश्व के लिए प्रौद्योगिकी नवोन्मेष वक्त की दरकार है।
‘द एनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट’ (टेरी) ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसका उद्घाटन शाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
सम्मेलन के प्रथम दिन, खनन, सीमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही भारत एवं अन्य देशों की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने हरित प्रौद्योगिकी एवं सरकारी नीतियों पर जोर दिया।
वेदांता लिमिटेड के ग्रुप सीईओ सुनिल दुग्गल ने कहा, ‘‘भारतीय संगठनों ने क्षमता निर्माण में स्वैच्छिक योगदान दिया है। वेदांता लिमिटेड की योजना जल्द ही पर्यावरणीय, सामाजिक एवं शासन अकादमी की स्थापना करने की है। ’’
रीन्यू पावर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सुमंत सिन्हा ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए कहा, ‘‘विद्युत क्षेत्र को कार्बन मुक्त करने का लक्ष्य संभव प्रतीत होता है लेकिन प्रौद्योगिकीय और वित्तीय रूप से काफी कुछ करने की जरूरत है।’’
यूएसआईबीसी (अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल) के उप प्रबंधक एलेक्जेंडर स्लेटर ने एक खुले परिवेश के साथ प्रौद्योगिकीय नवोन्मेष की जरूरत पर जोर दिया।
‘वी मीन बिजनेस कोलिशन’, जिनेवा की सीईओ मारिया मेंडील्युस ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत के साथ काम करने की इच्छा जताई।
शारजाह रिसर्च टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पार्क के सीईओ हुसैल अल महमूदी ने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी में निजी क्षेत्र की भूमिका बहुत मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि नयी कंपनियां नयी नौकरियां पैदा करें और जल एवं ऊर्जा पर नयी प्रौद्योगिकी को उभरने दें। ’’
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सुभाष नरेश
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