(फाइल फोटो सहित)
नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष में भारत की वैज्ञानिक क्षमता और प्रौद्योगिकी में उन्नति तथा पिछले 11 वर्षों में इन क्षेत्रों में हुई प्रगति दुनिया के सामने प्रदर्शित हुई।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले चार दिनों में संघर्ष में इस्तेमाल की गई कई प्रौद्योगिकियां और हथियार- ड्रोन से लेकर मिसाइल तक-, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समर्थित आत्मनिर्भरता की अवधारणा पर आधारित थे।
भारत हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है। यह 1998 में पोकरण में किए गए परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ के अवसर पर मनाया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में, भारत के पास दुनिया के बाकी हिस्सों के सामने अपनी वैज्ञानिक क्षमता का प्रदर्शन करने का भरपूर अवसर रहा। आजकल कोई भी सशस्त्र संघर्ष प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होता है।’’
सिंह ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसलिए, यह इस बात का प्रमाण है कि भारत ने रक्षा सहित वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में सर्वोच्चता हासिल कर ली है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘आपने टेलीविजन स्क्रीन पर जो कुछ भी देखा, वह कमोबेश स्वदेशी था। आत्मनिर्भर भारत में इसका निर्माण हुआ और इससे यह भी संकेत मिला कि विकसित भारत कैसा होने जा रहा है।’’
उन्होंने एक पाकिस्तानी मंत्री की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पहली बार दुनिया को एहसास हुआ है कि आज का भारत अतीत का भारत नहीं है।’’
सिंह ने याद दिलाया कि टीडीबी ड्रोन परियोजना को वित्तपोषित करने वाला पहला संगठन था, जिसका प्रदर्शन कुछ वर्ष पहले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान किया गया था।
सिंह ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने आसमान को रंगीन बनाया, उस दिन के जश्न में आप ड्रोन के आकर्षण से अभिभूत थे। ड्रोन वास्तव में क्या कर सकते हैं, यह आपने पिछले चार दिनों में देखा।’’
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के मद्देनजर सरकार ने देशभर में वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, विशेषकर पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है।
उन्होंने देश भर में वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की तथा विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तैयारियों को उन्नत करने के निर्देश जारी किए।
मंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीनगर और लेह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के केंद्रों और जम्मू में भारतीय समवेत औषध संस्थान की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी।
एक विज्ञप्ति के अनुसार, सभी वैज्ञानिक संस्थानों को मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने और उन्हें बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। निर्बाध समन्वय और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों को संबंधित जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करना चाहिए।
भाषा आशीष प्रशांत
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