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शनिवार, 3 मई, 2025
होमदेश''पचास वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों को ‘अतिरिक्त शिक्षक’ के तौर पर तबादलों से छूट''

”पचास वर्ष से अधिक आयु के शिक्षकों को ‘अतिरिक्त शिक्षक’ के तौर पर तबादलों से छूट”

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बेंगलुरु, 27 जुलाई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु की अध्यापिकाओं और 55 वर्ष से अधिक आयु के अध्यापकों को विद्यालयों में युक्तिकरण और पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया के दौरान ‘अतिरिक्त शिक्षक’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने से कानूनी तौर पर छूट है।

यह निर्णय कर्नाटक राज्य सिविल सेवा (शिक्षकों के स्थानांतरण का विनियमन) अधिनियम, 2020 की धारा 10(1)(छह) को लागू करता है, जो यह अनिवार्य करता है कि प्राधिकारियों को इस प्रावधान का सम्मान करना चाहिए।

अदालत ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दायर उस याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला दिया जिसमें कर्नाटक राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेशों को चुनौती दी गई थी।

इन आदेशों में दो शिक्षिकाओं उमादेवी हुंडारकर और प्रभावती रोनाड का ‘अतिरिक्त शिक्षक’ होने के आधार पर बागलकोट जिले के विद्यालयों से स्थानांतरण रद्द कर दिया गया था।

मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजारिया और न्यायमूर्ति एस जी पंडित की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे लाभकारी प्रावधानों को पात्र शिक्षकों के पक्ष में लागू किया जाना चाहिए, भले ही उन्होंने इसके लिए विशेष रूप से अनुरोध किया हो या नहीं।

पीठ ने कहा कि यह वैधानिक प्रावधान शिक्षकों को अधिनियम के तहत संरक्षण का अधिकार देता है।

अदालत ने यह भी कहा कि दोनों अध्यापिकाओं को ‘अतिरिक्त शिक्षक’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए था और उनका तबादला नहीं किया जाना चाहिए था, खासकर तब जब उन्होंने इन प्रासंगिक अधिनियम प्रावधानों का हवाला दिया था।

अदालत ने न्यायाधिकरण के निर्णय को बरकरार रखते हुए इस बात पर जोर दिया कि आयु-आधारित छूट लंबे समय से दी जा रही है और प्राधिकारियों को शिक्षकों के वैध और समय पर दिए गए अभ्यावेदन पर विचार करना चाहिए था।

भाषा सिम्मी पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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