नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यबल ऑनलाइन सर्वेक्षण प्रश्नावली के माध्यम से विभिन्न हितधारकों के विचार मांग रहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यबल देशभर के विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों का दौरा कर वहां के विचार और सुझाव भी एकत्र कर रहा है।
कार्यबल ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट की शुरुआत की, जिस पर छात्रों, अभिभावकों, संकाय सदस्यों, मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और आम जनता के लिए किए गए सभी सर्वेक्षण उपलब्ध हैं।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट कार्यबल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दौरों में विभिन्न हितधारकों जैसे छात्रों, संकाय सदस्यों, प्रशासकों और शिकायत निवारण के वास्ते गठित विभिन्न समितियों के सदस्यों के साथ बातचीत शामिल होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस बातचीत के दौरान छात्रों की पहचान को ध्यान में रखा जाता है और इसमें समाज के विभिन्न वंचित वर्गों के छात्रों से मुलाकात शामिल होती है।’’
भट ने कहा, ‘‘इसके अलावा, छात्रों को कार्यबल के सदस्यों के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने के लिए खुले मंचों पर आमंत्रित किया जाता है। कार्यबल छात्रों की परेशानी को रोकने और उनके कल्याण के लिए बुनियादी ढांचे और सेवाओं पर भी विचार कर रहा है।’’
उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी ने कहा कि कार्यबल आत्महत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने और छात्र कल्याण के लिए काम कर रहे समाज के विभिन्न वर्गों के विशेषज्ञों और हितधारकों से भी मुलाकात कर रहा है ताकि विभिन्न मुद्दों पर गहन जानकारी प्राप्त की जा सके।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
अविनाश
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