scorecardresearch
Saturday, 15 March, 2025
होमदेशतिरपाल और वक्त के कारण 2022 जैसा नहीं हुआ — संभल में होली और जुमे की नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न

तिरपाल और वक्त के कारण 2022 जैसा नहीं हुआ — संभल में होली और जुमे की नमाज़ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न

होली के रंगों से बचने के लिए कम से कम 10 मस्जिदों को बड़ी तिरपाल से ढक दिया गया था. नवंबर में एएसआई द्वारा जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किए जाने के बाद सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं.

Text Size:

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में होली का जश्न तनाव की पृष्ठभूमि में मनाया गया, शुक्रवार की नमाज़ और जुलूस एक ही दिन होने के कारण दुकानें, रेस्तरां और होटल बंद रहे.

पुलिस कर्मियों ने सड़कों पर कतारें लगाईं, संभल में बैरिकेड्स और चेकपॉइंट्स पर तैनात रहे, जहां कम से कम 10 मस्जिदों को दीवारों को रंग से बचाने के लिए बड़े तिरपाल की चादरों से ढका गया था. सबसे बड़ी मस्जिद, शाही जामा मस्जिद, आकर्षण का केंद्र रही.

जबकि मुस्लिमों के पवित्र महीने रमज़ान के दौरान होली का जश्न और शुक्रवार की नमाज़ दोनों ही बिना किसी घटना की सूचना के संपन्न हुए, दिन भर की घटनाओं ने दिखाया कि कैसे दोनों धार्मिक समूह एक-दूसरे के साथ पूरी तरह से सहज नहीं थे.

पिछले साल नवंबर में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किए जाने के बाद सांप्रदायिक झड़पें हुई थी. अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण इस दावे के आधार पर किया गया था कि मस्जिद कथित तौर पर एक हिंदू मंदिर के खंडहर पर बनाई गई थी.

आज, मस्जिद के ठीक बाहर एक आधी-अधूरी पुलिस चौकी है, जो इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है. नेशनल और लोकल मीडिया चैनल जश्न को कवर करने के लिए संभल में उमड़ पड़े और अपने न्यूज़ एंकरों को मुख्य मस्जिद के ठीक बाहर नियुक्त किया.

शाही जामा मस्जिद के बाहर पुलिस चौकी | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
शाही जामा मस्जिद के बाहर पुलिस चौकी | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

होली का जुलूस शाही जामा मस्जिद सहित कई मस्जिदों से होकर गुज़रना था.

टकराव से बचने के लिए संभल में मस्जिदों में जुमे की नमाज़ को दोपहर 2-2:30 बजे तक टाल दिया गया, ताकि निवासी होली के जुलूस के गुजरने के बाद ही नमाज़ अदा कर सकें.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस दिन की तैयारी में कई हफ्ते बिताए थे, यहां तक कि जश्न को प्रबंधित करने के लिए विशेष कर्मियों और ड्रोन को भी बुलाया गया था.

संभल में तैनात पुलिसकर्मी | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
संभल में तैनात पुलिसकर्मी | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण बिश्नोई ने कहा, “हमारे पास पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) और आरआरएफ (रैपिड रिस्पांस फोर्स) की सात कंपनियां और दो प्लाटून हैं.” उन्होंने कहा कि उनके पास रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मियों की एक कंपनी भी है.


यह भी पढ़ें: ‘पुलिस ने मेरे बेटे को मार डाला’ — संभल दंगों में मारे गए मुस्लिम पुरुष घर से काम करने बाहर निकले थे


कड़ा नियंत्रण

संभल में होली का जश्न बेहद नियंत्रित तरीके से मनाया गया. पुलिस बैरिकेड्स और चेकपॉइंट्स ने उन खास इलाकों को अलग कर दिया, जहां हिंदू धूमधाम से त्योहार मना रहे थे, संगीत बजा रहे थे और एक-दूसरे पर रंग और पानी फेंक रहे थे.

ये निर्धारित इलाके मुख्य रूप से हिंदू बहुल इलाकों के पास थे, जिनमें से कुछ मस्जिद से कुछ ही मीटर की दूरी पर थे.

संभल में होली का जश्न | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
संभल में होली का जश्न | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

लेकिन इन चेकपॉइंट्स के ठीक सामने, सड़कें अक्सर खामोश रहती थीं, कुछ मुसलमान दूर से जश्न को देखते हुए खड़े रहते थे.

संभल में ढकी हुई मस्जिदों में से एक के पास रहने वाले अकरम ने कहा, “हम एक-दूसरे की शादियों में जाते हैं. मैं अपनी पूरी ज़िंदगी यहीं रह रहा हूं. कुछ बुरे तत्वों की वजह से पूरे समुदाय का नाम खराब हो जाता है.”

दिल्ली से पुरानी वाशिंग मशीन खरीदकर संभल में मरम्मत करके बेचने वाले 25-वर्षीय वसीम को 2022 की एक घटना याद आई, जिसने मस्जिदों को तिरपाल से ढकने की रणनीति को गति दी.

संभल में तिरपाल से ढकी मस्जिदें | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
संभल में तिरपाल से ढकी मस्जिदें | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

वसीम ने दिप्रिंट से कहा, “मुझे याद है कि जब खग्गू सराय (संभल का इलाका) में मस्जिद पर रंग फेंका गया था.” उन्होंने कहा कि उस समय वे केवल शांति चाहते थे और लड़ाई नहीं करना चाहते थे.

मार्च 2022 में खग्गू सराय में हुई घटना के बाद विरोध प्रदर्शन और पथराव हुआ.

खग्गू सराय में कई मुस्लिम निवासियों ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच भाईचारे की भावना को दोहराया. कई लोगों ने मीडिया को एक ऐसे शहर में तनाव बढ़ाने के लिए दोषी ठहराया, जहां दशकों से दोनों धर्म शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं.

एसपी बिश्नोई के अनुसार, इस साल पुलिस ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है जो संभल में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी करता है. इसके अलावा, लखनऊ से तीन लंबी दूरी के ड्रोन शहर के प्रमुख क्षेत्रों के ऊपर नियमित उड़ानों के लिए तैनात किए गए थे.

जब होली का जुलूस सड़कों से गुज़रा, तो पुलिस ने एक बॉक्स फॉर्मेशन बनाया, जिसमें किसी भी संभावित संघर्ष को कम करने के लिए चारों तरफ पुलिस अधिकारी तैनात किए गए.

बिश्नोई ने कहा, “इस साल, दोनों समुदाय — हिंदू और मुस्लिम — जश्न से खुश हैं. यह योजना के अनुसार हुआ है.”

संभल में शुक्रवार की नमाज़ के लिए जाते हुए मुसलमान | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
संभल में शुक्रवार की नमाज़ के लिए जाते हुए मुसलमान | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

बॉक्स फॉर्मेशन ने दोनों समुदायों के बीच किसी भी तरह की सीधी झड़प को रोकने में कामयाबी हासिल की, लेकिन इसने लोगों को जामा मस्जिद के बाहर अपने जश्न को बढ़ाने से नहीं रोका.

होली का जुलूस, जिसमें ज़्यादातर पुरुष सिर से पैर तक चमकीले लाल, हरे और पीले रंग के कपड़े पहने हुए थे, पुलिस के आगे बढ़ने के प्रयासों के बावजूद मस्जिद के बाहर रुक गए.

कुछ लोगों ने मीडिया चैनलों को तुरंत बाइट दी, जबकि अन्य ने मस्जिद को घूरते हुए धार्मिक नारे लगाए, जो मुसलमान नमाज़ अदा करने के लिए जामा मस्जिद पहुंचे थे, वह बैरिकेड के दूसरी ओर खड़े होकर अपने सामने हो रहे जश्न को देख रहे थे.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: समाजवादी पार्टी के संभल सांसद बर्क ने झड़प से 2 दिन पहले दिया ‘भड़काऊ भाषण’ : एफआईआर


 

share & View comments