पुणे, 19 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में 37 वर्षीय महिला की मौत के मामले में शनिवार को एक चिकित्सक के खिलाफ कथित आपराधिक लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि अस्पताल ने कथित तौर पर महिला को अग्रिम राशि जमा नहीं कराने के कारण अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था।
आरोपी डॉ. सुश्रुत घैसास अस्पताल में परामर्शक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थे, लेकिन विवाद के मद्देनजर कुछ दिन पहले इस्तीफा दे दिया था।
आरोप है कि राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अमित गोरखे के निजी सचिव की गर्भवती पत्नी तनीषा भिसे को मार्च के आखिरी सप्ताह में मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था, क्योंकि उनके रिश्तेदार 10 लाख रुपये जमा नहीं करा पाए थे। भिसे की दो दिन बाद 31 मार्च को दूसरे अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद मौत हो गई थी।
भिसे के परिवार ने उनका इलाज कर रहे डॉ. घैसास पर जमा राशि की मांग करने का आरोप लगाया।
एक अधिकारी ने बताया कि डॉ. घैसास के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(1) (लापरवाही के कारण मौत) के तहत अलंकार पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इससे पहले दिन में, ससून जनरल अस्पताल की पांच सदस्यीय समिति ने भिसे की मौत पर अपनी अंतिम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रसव की उच्च जोखिम वाली प्रकृति के बावजूद, ‘‘ईश्वरी उर्फ तनीषा भिसे’’ को समय पर भर्ती नहीं किया गया और उसका इलाज नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि डॉ. घैसास ने असंवेदनशीलता और चिकित्सकीय लापरवाही दिखाई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
समिति ने 16 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन पुलिस ने कुछ अस्पष्ट निष्कर्षों पर स्पष्टता मांगी थी। शनिवार को संशोधित रिपोर्ट पेश की गई।
अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट और मृत महिला की भाभी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भाषा धीरज दिलीप
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