चेन्नई: तमिलनाडु पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अरियालुर जिला सचिव पी. मुथुवेल के खिलाफ गुंडा एक्ट लागू किया है.
38 वर्षीय, पहले से ही एक जबरन वसूली मामले में न्यायिक हिरासत में है, जिसके लिये अरियालुर कलेक्टर पी. रमना सरस्वती द्वारा शनिवार को तिरुचिरापल्ली केंद्रीय कारागार में जारी एक डिटेंशियन आर्डर दिया गया था.
तमिलनाडु गुंडा एक्ट के तहत, एक “अपराधी” को सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के लिए हिरासत में लिया जा सकता है.
अरियालुर में आवर लेडी ऑफ लूर्डेस के पल्ली पुरोहित फादर डोमिनिक सावियो की शिकायत के बाद मुथुवेल को 13 मार्च को न्यायिक हिरासत में लिया गया था. एफआईआर में, फादर डोमिनिक ने आरोप लगाया कि मुथुवेल ने उन्हें 25 लाख रुपये का भुगतान नहीं करने पर उनकी छवि खराब करने की धमकी दी थी.
फादर सावियो के अनुसार, विनोद नाम के एक व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और मुथुवेल के साथ उनकी बातचीत के एक ऑडियो क्लिप के बारे में बताया. क्लिप में, मुथुवेल ने कथित तौर पर पुजारी से स्कूली बच्चों को परेशान करने की बात कहकर उनकी छवि खराब करने की धमकी देकर उनसे पैसे वसूलने का सुझाव दिया.
पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि कथित बातचीत का ऑडियो क्लिप पुलिस को सौंप दिया गया है.
शिकायत के आधार पर, मुथुवेल पर आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों को भड़काना) 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द बोलना), 389 (जबरन वसूली करने की कोशिश), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान), 505 (i) (बी) (जनता में डर पैदा करने का इरादा), और 505 (i) (सी) (किसी समुदाय को अपराध करने के लिए उकसाना) के आधार पर केस दर्ज किया गया.
दिप्रिंट ने वीएचपी, तमिलनाडु-उत्तर के अध्यक्ष सु श्रीनिवासन से फोन के जरिए संपर्क किया. उनकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
मुथुवेल पिछले साल जनवरी में सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने एक 17 वर्षीय लड़की लावण्या का अस्पताल में आत्महत्या के बाद, उसका वीडियो जारी किया था. वीडियो में, मुथुवेल ने लड़की को तंजावुर के माइकलपट्टी में स्तिथ अपने स्कूल के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि किस तरह से कई मौकों पर कथित तौर पर उसे ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास किया गया था.
वीडियो को उसकी मौत से तीन दिन पहले चुनौती दी गई थी क्योंकि मजिस्ट्रेट के सामने लावण्या के बयान में धर्मांतरण का कोई जिक्र नहीं था.
मुथुवेल का वीडियो वायरल होने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तमिलनाडु प्रमुख के. अन्नामलाई ने भी इसे शेयर किया.
लावण्या के लिए न्याय और ईसाई मिशनरी स्कूलों में जबरन धर्मांतरण के प्रयासों की जांच की मांग को लेकर भाजपा ने भूख हड़ताल की. इस बीच, जब स्कूल ने इन आरोपों का खंडन किया, तो मद्रास हाई कोर्ट ने लावण्या की मौत की सीबीआई जांच का आदेश दिया.
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