चेन्नई, 24 जनवरी (भाषा) तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यामोझी ने सोमवार को लोगों से अपील की कि तंजावुर में 17 वर्षीय एक स्कूली छात्रा के कथित रूप से आत्महत्या करने की घटना का राजनीतिकरण नहीं करें। मंत्री ने कहा कि छात्रा के माता-पिता को न्याय दिलाया जाएगा और दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि घटना के हर पहलू की जांच जारी है।
मंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने मिशनरी स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा है, जहां लड़की पढ़ती थी। उन्होंने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप पर छात्रों और पूर्व छात्रों से पूछताछ शुरू की गई है।
पोय्यामोझी ने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘छात्रा की आत्महत्या से मौत के पीछे की सच्चाई का पता लगाया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा।’’
तंजावुर के एक मिशनरी स्कूल की 12वीं की छात्रा ने नौ जनवरी को जहर खा लिया और 15 जनवरी को उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे तंजावुर कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने अपना बयान दिया और 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई। प्राथमिकी के अनुसार छात्रा स्कूल के छात्रावास में रह रही थी और वार्डन ने कथित तौर पर उसे नौ जनवरी को घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया।
तंजावुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा लिए गए छात्रा के मृत्यु पूर्व बयान के बाद तिरुकट्टुपल्ली पुलिस ने वार्डन को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। हालांकि जिले के भाजपा नेताओं ने दावा किया कि छात्रा ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया था। मंत्री ने कहा, ‘‘यद्यपि स्कूल ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित है, लेकिन इसमें काफी बड़ी संख्या में हिंदू विद्यार्थी पढ़ते हैं। लड़की को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मजबूर करने का आरोप अभी बहुत दूर की चीज लगता है। छात्रों और उन लोगों से पूछताछ की जा रही है, जिनके साथ छात्रा बाहर गई थी। मंत्री ने बताया कि घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने उनसे संपर्क किया और जानकारी ली।
भाषा संतोष दिलीप
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