चेन्नई, 24 अप्रैल (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)के वरिष्ठ नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री दुरई मुरुगन को बरी करने के स्थानीय अदालत के आदेश को बृहस्पतिवार को पलट दिया और एक विशेष अदालत को मंत्री व उनकी पत्नी के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया।
दो दिनों में दुरई मुरुगन से जुड़ा यह यह दूसरा मामला है, जिसमें उच्च न्यायालय ने इसी तरह का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने बुधवार को वेल्लोर जिले की एक विशेष अदालत को अलग जांच अवधि (1996-2001) वाले आय से अधिक संपत्ति के मामले में द्रमुक महासचिव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कानून के अनुसार आरोप तय करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति वेलमुरुगन ने बृहस्पतिवार को वेल्लोर की एक विशेष अदालत को दुरईमुरुगन और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच अवधि 2007-09 के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से 1.40 करोड़ रुपये अधिक संपत्ति अर्जित करने से संबंधित मामले में आरोप तय करने का निर्देश दिया।
दुरई मुरुगन ने 2006-11 में द्रमुक सरकार के कार्यकाल के दौरान लोक निर्माण विभाग का प्रभार संभाला था।
यह मामला 2011 में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा दायर किया गया था और 2017 में वेल्लोर की एक विशेष अदालत ने दंपति को बरी कर दिया था।
निदेशालय ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
न्यायाधीश ने विशेष अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले की रोजाना सुनवाई कर छह महीने के भीतर मामले का निपटारा करे।
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