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Monday, 17 November, 2025
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तमिलनाडु के भाजपा नेता ने करूर भगदड़ की जांच सीबीआई से कराने के लिए न्यायालय का रुख किया

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नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तमिलनाडु से नेता जी एस मणि ने 27 सितंबर को राज्य के करूर में तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के संस्थापक विजय की करूर में आयोजित रैली के दौरान मची भगदड़ की जांच सीबीआई से कराने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

करूर में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 60 अन्य लोग घायल हो गए थे।

उच्चतम न्यायालय के वकील और तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष जी एस मणि ने अपनी याचिका में करूर घटना की तमिलनाडु पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने अन्य संबंधित याचिकाओं को पहले ही 10 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

‘एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड’ आर सतीश के माध्यम से दायर की गई याचिका में मणि ने अदालत से आग्रह किया है कि मामले की जांच तमिलनाडु पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक स्वतंत्र विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी जाए।

याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता, जो एक जनहितैषी नागरिक है और इस न्यायालय का नियमित अधिवक्ता भी है… ने तीन अक्टूबर के अंतिम निर्णय के खिलाफ यह विशेष अनुमति याचिका दायर की है… जिसमें उसके द्वारा दायर रिट याचिकाओं का एक समूह भी शामिल है… जिसमें उसने तमिलनाडु के करूर जिले में एक राजनीतिक रैली में भगदड़ की घटना के संबंध में प्रतिवादी राज्य की स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही जांच को सीबीआई को हस्तांतरित करने और पर्याप्त मुआवजे के भुगतान का अनुरोध किया है।’’

इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने कहा था कि ठोस सामग्री के बिना व्यापक आरोपों के आधार पर जांच को केंद्रीय एजेंसी को सौंपना उचित नहीं ठहराया जा सकता।

मद्रास उच्च न्यायालय ने तीन अक्टूबर को भगदड़ की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की थी।

पुलिस ने करूर भगदड़ के लिए विजय के घटनास्थल पर पहुंचने में सात घंटे की देरी को भी जिम्मेदार ठहराया है।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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