चेन्नई, 16 फरवरी (भाषा) भारतीय सेना के जवान एम प्रभु की हत्या करने वाले हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों ने कृष्णागिरी और तमिलनाडु के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।
कृष्णागिरि में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के एक पदाधिकारी और उसके साथियों द्वारा गंभीर रूप से पीटे जाने के बाद थलसेना के जवान एम प्रभु की मौत हो गई थी।
सेना पुलिस के साथ श्रीनगर में तैनात प्रभु छुट्टी पर अपने पैतृक वेल्लमपट्टी गांव पूचमपल्ली गए थे। कृष्णगिरि जिले के भाजपा पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राम नंदगोपाल के अनुसार, उसके (प्रभु) 10 फरवरी को ड्यूटी पर लौटने की उम्मीद थी।
आठ फरवरी को प्रभु और उनके भाई प्रभाकरन का पोचमपल्ली के वेल्लमपट्टी में नगर पंचायत की पानी की टंकी के पास कपड़े धोने को लेकर द्रमुक पदाधिकारी चिन्नास्वामी के साथ झगड़ा हो गया था। उसी दिन शाम को चिन्नास्वामी और उसके साथियों ने कथित तौर पर प्रभु और प्रभाकरन पर हमला कर दिया था। प्रभु को होसुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसने 15 फरवरी को दम तोड़ दिया था, जबकि प्रभाकरन का एक अस्पताल में उपचार चल रहा है।
नंदगोपाल ने कहा कि प्रभावित परिवार के कुछ सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान उन्हें पता चला कि प्रभु और उनके भाई प्रभाकरन अपने पिता मधैयान को बचाने के लिए दौड़े थे, उसी दौरान उन पर पहली बार पुरुषों के एक समूह ने हमला किया था।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “देखते ही देखते दोनों भाइयों को करीब 10 हथियारबंद लोगों ने घेर लिया और उन पर जमकर वार किए। दोनों निहत्थे भाइयों ने हमले का विरोध करने का प्रयास किया लेकिन व्यर्थ। प्रभु बेहोश हो गए। परिवार की महिलाओं को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”
भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त जूनियर वारंट अधिकारी (जेडब्ल्यूओ) ईसावनन एम ने कहा, “ऐसी जघन्य घटना देश में कहीं भी नहीं हुई है। एक सैनिक का हर जगह सम्मान होता है लेकिन यहां इस हत्या ने तमिलनाडु को शर्मसार कर दिया है।”
भाजपा के पूर्व सैनिक विंग के राज्य सचिव ईसावनन ने कहा, “हमलावरों को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए ताकि अन्य लोगों के मन में भी भय उत्पन्न हो।”
कृष्णागिरी जिले की नगरसमपट्टी पुलिस द्वारा एक प्राथमिकी में चिन्नास्वामी और उनके बेटे गुरुसूर्यमूर्ति सहित नौ लोगों को आरोपी बनाया है।
भाषा जितेंद्र माधव
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