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शनिवार, 14 जून, 2025
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गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने की बातचीत सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच हुई: विदेश मंत्री जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ा, जिसमें 26 लोगों की जान गई और कई घायल हुए.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने की बातचीत सीधे दोनों देशों के बीच हुई थी. उन्होंने कहा कि भारत ने हर देश, यहां तक कि अमेरिका को भी साफ कर दिया था कि पाकिस्तान को भारत के जनरल को फोन करके कहना होगा कि अगर वे गोलीबारी रोकना चाहते हैं तो सीधे बात करें.

नीदरलैंड्स के चैनल एनओएस को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उनसे बात की और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. उन्होंने कहा कि जब दो देश किसी संघर्ष में होते हैं तो दुनिया के अन्य देश स्वाभाविक रूप से फोन करके अपनी चिंता जताते हैं.

जब उनसे पूछा गया कि क्या दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे से बात की थी, और क्या यह बातचीत पाकिस्तानी सेना की ओर से शुरू हुई थी, तो जयशंकर ने कहा, “हां, हमारे पास एक हॉटलाइन है जिससे हम एक-दूसरे से बात कर सकते हैं. 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने संदेश भेजा कि वे गोलीबारी रोकने को तैयार हैं और हमने उसी अनुसार जवाब दिया.”

भारत और पाकिस्तान के बीच यह संघर्ष विराम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आया, जो भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.

जब अमेरिका की भूमिका के बारे में पूछा गया, तो जयशंकर ने कहा, “अमेरिका तो अमेरिका में ही था. जाहिर है, विदेश मंत्री रुबियो और उपराष्ट्रपति वांस ने फोन किया था. रुबियो ने मुझसे बात की और वांस ने हमारे प्रधानमंत्री से. वे अपनी बात कह रहे थे और पाकिस्तान से भी बात कर रहे थे, जैसे कि कुछ और देश भी कर रहे थे – खाड़ी देशों सहित.”

उन्होंने आगे कहा, “जब दो देश संघर्ष में होते हैं, तो दुनिया के अन्य देश फोन करके चिंता जताते हैं और पूछते हैं कि वे क्या कर सकते हैं. लेकिन गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने की बातचीत सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच हुई. हमने सबको, सिर्फ अमेरिका को ही नहीं, यह साफ कहा कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी रोकना चाहता है, तो हमें खुद फोन करके बताना होगा. उनके जनरल को हमारे जनरल को कॉल करना होगा, और यही हुआ.”

जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है – अगर ऐसा हमला होगा जैसा 22 अप्रैल को हुआ, तो जवाब भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत ने उन आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया जो संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल हैं और उन्होंने यह सूची पत्रकार को भी दिखाई.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने भारत की कार्रवाई के बाद गोलीबारी शुरू की, और भारत ने भी उसका जवाब दिया. 10 मई को भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस और एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला किया, जिससे उन्हें यह मानने पर मजबूर होना पड़ा कि दोनों देशों को अब गोलीबारी रोकनी चाहिए.

जब पूछा गया कि क्या ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, तो उन्होंने कहा, “जब आतंकियों ने हमला किया, तो जवाब देना जरूरी था, क्योंकि बिना जवाब दिए रहना नामुमकिन था.”

पत्रकार ने कहा, “पिछले समय में जवाब न देने की कोशिश हुई है.”

जयशंकर ने कहा, “और हमने उसके नतीजे देखे हैं. हमारी सरकार बहुत स्पष्ट है. मैं मानता हूं कि यह पिछली सरकार की नीति नहीं रही होगी. लेकिन हमारी सरकार का रुख साफ है—अगर ऐसा हमला होगा, तो जवाब दिया जाएगा. जवाब दिया गया और उन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो संयुक्त राष्ट्र की सूची में हैं. ये वही जगहें हैं जहां से आतंकी काम करते हैं.”

पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाई के बाद भारत के जवाब के बारे में उन्होंने कहा, “उसके बाद पाकिस्तानी सेना ने हम पर हमला किया और हमने भी जवाब दिया. यह चार दिन चला और 10 मई को निर्णायक दिन था. 10 मई की सुबह उन्होंने हमला किया, उसके जवाब में हमने उनके आठ एयरबेस पर हमला किया. हमने उनकी रनवे और कमांड सेंटर्स को निशाना बनाया. रनवे को निशाना बनाकर हमने एयरबेस को नॉन-ऑपरेशनल बना दिया. हमने रावलपिंडी के पास उनके एयर डिफेंस कमांड कंट्रोल सिस्टम पर भी हमला किया. इससे पाकिस्तान की सेना को मानना पड़ा कि अब गोलीबारी बंद करनी होगी. इस समय कोई गोलीबारी नहीं हो रही है और कुछ हद तक सेना की तैनाती में बदलाव किया गया है.”

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है क्योंकि इसका मकसद यह स्पष्ट संदेश देना है कि अगर 22 अप्रैल जैसा हमला होगा, तो जवाब भी मिलेगा.

“ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि इसमें एक साफ संदेश है कि अगर फिर ऐसा हमला होता है, तो हम जवाब देंगे. हम आतंकियों को वहीं मारेंगे जहां वे हैं—चाहे वो पाकिस्तान में ही क्यों न हों. लेकिन ऑपरेशन का जारी रहना और दोनों देशों के बीच गोलीबारी होना—ये दोनों अलग बातें हैं. अभी दोनों देशों ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई है,” जयशंकर ने एनओसी को बताया.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ा, जिसमें 26 लोगों की जान गई और कई घायल हुए. इसके जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया.

इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी और ड्रोन हमलों की कोशिश की. इसके जवाब में भारत ने समन्वित हमला करते हुए पाकिस्तान के एयरबेस, रडार सिस्टम और कम्युनिकेशन सेंटर्स को नुकसान पहुंचाया. 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोकने पर सहमति जताई.


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