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मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025
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स्वामीनाथन की बेटी ने अपने पिता को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले का स्वागत किया

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(फाइल फोटो के साथ)

कन्नूर(केरल), नौ फरवरी (भाषा) देश में हरित क्रांति के जनक एम. एस. स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किये जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का उनकी बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके पिता इसे पाकर खुश होते लेकिन उन्होंने कभी पुरस्कारों के लिए काम नहीं किया।

पूर्व मुख्य वैज्ञानिक एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में पूर्व उप महानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह ‘गौरवान्वित और खुश’ हैं कि उनके पिता के काम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के रूप में मान्यता दी गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता के लिए किसानों का प्रेम उनके लिए काफी मायने रखता है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का निर्णय उनके परिवार, दोस्तों, छात्रों और शुभचिंतकों को खुशी देने के अलावा देश के युवाओं को यह मजबूत संदेश देगा कि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज के कल्याण के लिए कर सकते हैं।

सौम्या ने कहा कि यह उनके पिता द्वारा कृषि के क्षेत्र में आजीवन दिये गए उनके योगदान को मान्यता है लेकिन इससे भी कहीं अधिक यह देश में किसानों के कल्याण और समाज में सबसे गरीब एवं सर्वाधिक कमजोर लोगों के कल्याण के लिए है।

उन्होंने कहा कि यह गर्व और संतुष्टि की बात है कि उनके पिता के जीवन भर के काम को भारत सरकार और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने मान्यता दी है।

डॉ. सौम्या ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि अगर यह खबर उनके जीवनकाल में आई होती तो उन्हें भी खुशी होती। लेकिन वह कभी भी ऐसे व्यक्ति नहीं रहे जो पुरस्कारों के लिए काम करते हों या मान्यता पाने के लिए इंतजार करते हों।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें बहुत सारे पुरस्कार और मान्यता मिली, लेकिन उन्होंने जमीनी स्तर पर जो काम किया उसके परिणाम और लोगों के प्यार व स्नेह से उन्हें अधिक प्रेरणा मिली।’’

उन्होंने कहा कि उनके पिता देश में किसानों से हुई अपनी मुलाकात को याद रखते थे।

डॉ. सौम्या ने कहा कि किसान उनसे मिलते थे और उनके प्रति अपना आभार और प्रेम व्यक्त करते थे तथा यही उनके लिए बहुत मायने रखता था।

उन्होंने कहा, ‘‘बेशक, यह एक अलग तरह की मान्यता है, इसलिए निश्चित रूप से इससे उन्हें बहुत खुशी होती।’’ उन्होंने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति नहीं थे जो किसी पुरस्कार का इंतजार करते।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में एम. एस. स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि और किसान कल्याण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रही है।

मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।’’

स्वामीनाथन के नेतृत्व में 60 और 70 के दशक में वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए देश में अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। स्वामीनाथन का पिछले साल 28 सितंबर को चेन्नई में निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे।

स्वामीनाथन को उनके कार्य के लिए 1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार मिला था।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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