नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने शुक्रवार को कहा कि वह लोगों को स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा।
एसजेएम के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया आह्वान के बाद ‘स्वदेशी, सुरक्षा और स्वावलंबन अभियान’ को फिर चालू करने और इसे देश में पुन: एक ‘जनांदोलन’ का रूप देने का निर्णय लिया गया है।
महाजन ने कहा, ‘‘ हाल में गांधीनगर (गुजरात) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें हर गांव में व्यापारियों को यह शपथ दिलानी होगी कि वे विदेशी सामान नहीं बेचेंगे, चाहे उन्हें कितना भी मुनाफा क्यों न हो।’’
उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच प्रधानमंत्री के स्वदेशी आह्वान का स्वागत करता है तथा देश के सभी संस्थानों, संगठनों और व्यक्तियों से प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन करने की अपील करता है।
महाजन ने कहा, ‘‘एसजेएम जल्द ही ‘स्वदेशी, सुरक्षा और स्वावलंबन अभियान’ का फिर आह्वान करेगा। इस अभियान का उद्देश्य आत्मनिर्भरता एवं देश को विदेशी आक्रमण से बचाने के लिए युवाओं और महिलाओं पर विशेष जोर देते हुए व्यापारियों, उद्योगपतियों और टेक्नोक्रेट्स समेत सभी देशवासियों को विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।’’
उन्होंने कहा कि एसजेएम पहले से ही इस संबंध में एक ‘बड़ी पहल’ करने और इसे जनांदोलन बनाने की योजना बना रहा है ताकि लोगों को विदेशी वस्तुओं के बजाय स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
महाजन ने कहा कि यह सच है कि ‘‘देशभक्त लोगों’’ द्वारा चीनी और अन्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के बावजूद, पिछले कुछ वर्षों में चीन से आयात में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा इसलिए है क्योंकि चीनी सामान भारत में भी छद्म तरीके से बेचे जाते हैं, कभी बाजारों में चीनी लेबल हटाकर और उसकी जगह ‘मेड इन इंडिया’ लेबल लगाकर, कभी ई-कॉमर्स कंपनियों और विदेशी ब्रांडों द्वारा स्रोत स्थल के नियमों का उल्लंघन करके और कभी मध्यवर्ती माल के रूप में चीन से आयात करके ऐसा किया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति के बीच स्वदेशी के लिए प्रधानमंत्री का आह्वान एक ‘सार्थक और व्यावहारिक कदम’ है।
महाजन ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘देशभक्त व्यापारी’ भारत में ‘विदेशी वस्तुओं की बाढ़’ को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भाषा राजकुमार माधव
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