नई दिल्ली: छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर-1 में रहने वाले लोगों के बीच सोमवार को यह खबर आग की तरह फैल गई कि उनके पड़ोसियों में से एक ने अपनी लिव-इन गर्लफ्रेंड की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिल्ली में अलग-अलग जगह पर फेंक दिए.
जिस बिल्डिंग- एक बेडरूम का अपार्टमेंट – में इस अपराध को अंजाम दिया गया था, उसके ऊपरी माले पर रहने वाली एक महिला ने बताया कि वह अक्सर आरोपी से मिलती रही थी, लेकिन उन्हें भनक तक नहीं लगी कि अपने अंदर उसने इतना भयानक राज छिपाया हुआ है.
सील किए गए फ्लैट से सोमवार को तीखी गंध आ रही थी. यहां 28 साल के आफताब पूनावाला ने कथित तौर पर 18 मई को अपनी प्रेमिका श्रद्धा वाकर की गला घोंटकर हत्या कर दी थी. उसने उसकी बॉडी को स्टोर करने के लिए एक बड़ा फ्रिज खरीदा. फ्रिज ने सड़ते हुए मांस की गंध को छिपा दिया था. आफताब अगले दो दिनों तक शरीर के टुकड़े करता रहा और फिर उसने अगले कुछ महीनों में उन टुकड़ों को महरौली के जंगल में, कुछ को डंपिंग ग्राउंड और नालियों में फेंक दिया.
आफताब को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. जाहिर तौर पर उसने हत्या की बात कबूल करते हुए कहा कि उसने अपनी प्रेमिका के 35 टुकड़े किए थे. सूत्रों ने बताया कि शरीर के 13 टुकड़े अब तक जंगल में पाए जा चुके हैं. माना जा रहा है कि ये मृत लड़की के शरीर का ही हिस्सा हैं.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने दिप्रिंट को बताया कि आफताब की सटीक जानकारी के बाद जंगल से ‘शरीर के कई अंग’ बरामद किए गए हैं.
श्रद्धा के मुंबई में रहने वाले पिता ने 8 नवंबर को अपनी बेटी के लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके बाद पिछले हफ्ते पुलिस हरकत में आ गई.
पुलिस के मुताबिक, आफताब और श्रद्धा की मुलाकात 2019 में मुंबई में एक डेटिंग ऐप पर हुई थी. वाकर परिवार को उनके अफेयर पर आपत्ति थी. इसके चलते श्रद्धा अपना घर छोड़ कर चली गई और वसई में आफताब के साथ रहने लगी.
आफताब के साथ अफेयर बरकरार रखने के उसके फैसले के कारण श्रद्धा को 2019 में परिवार से अलग कर दिया गया था.
पुलिस ने कहा कि दोनों इस साल की शुरुआत में दिल्ली चले आए और छतरपुर में एक बेडरूम का अपार्टमेंट किराए पर ले लिया.
18 मई को आफताब ने लड़ाई के दौरान उसे चुप कराने के प्रयास में कथित तौर पर श्रद्धा की हत्या कर दी. सूत्रों ने जानकारी दी कि वे दोनों अक्सर शादी, विश्वास और पैसे के मसलों पर झगड़ते रहते थे.
अंकित चौहान ने कहा, ‘हत्या करने के बाद उसने शव को महीनों तक फ्रिज में रखा था.’
अगस्त में श्रद्धा के दोस्त ने उसके भाई को सचेत करते हुए कहा कि उसके पास पिछले 2 महीने से श्रद्धा की कोई खबर नहीं है.
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जांच के बाद पुलिस को आफताब की आखिरी लोकेशन दिल्ली में मिली.
8 नवंबर को श्रद्धा के पिता विकास मदन वाकर ने दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई. इसमें कहा गया था कि उन्हें अपनी बेटी के लापता होने के पीछे आफताब पर शक है.
शुरुआत में आफताब ने पुलिस को बताया था कि श्रद्धा उसे छोड़कर चली गई है, लेकिन हिरासत में लेने के बाद जब उससे कड़ी पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया.
अपनी शिकायत में पिता ने कहा. ‘2018 में मेरी बेटी ने और आफताब अमीन पूनवाला एक कॉल सेंटर में काम करते थे. श्रद्धा ने 2019 में मेरी पत्नी से कहा कि वह उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती है. हम उसके इस फैसले के खिलाफ थे. क्योंकि वह मुस्लिम था और हम हिंदू. हम अंतर्जातीय विवाह की इजाजत नहीं दे सकते थे.’
एफआईआर में आगे लिखा था, ‘इस पर मेरी बेटी ने कहा कि वह 25 साल की है और अपने फैसले खुद ले सकती है … और उसके साथ लिव-इन में रहना चाहती है. हमने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह चली गई. उसके दोस्तों से मुझे पता चला कि वह वसई में आफताब के साथ रहती थी. कभी-कभी वह अपनी मां से कहती थी कि आफताब उससे लड़ता है और उस पर हाथ भी उठा देता है. 2020 में मेरी पत्नी की मौत से कुछ दिन पहले उसने मुझे यह भी बताया कि आफताब ने उसके साथ मारपीट की थी, लेकिन जब मैंने उसे घर आने के लिए कहा, तो आफताब ने उसे अपने साथ रहने के लिए फिर से मना लिया.’
परिवार को श्रद्धा के लापता होने का पता उस समय चला, जब उसके दोस्त ने 14 अगस्त को उसके भाई को फोन करके उसके ठिकाने के बारे में जानने की कोशिश की.
पिता ने प्राथमिकी में कहा, ‘उसके दोस्तों ने भी मुझे बताया कि वे लड़ते रहते हैं और उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे. उसके बाद महीनों तक मैंने अपनी बेटी से बात नहीं की. 14 अगस्त को श्रद्धा की दोस्त ने उसके भाई को फोन करके कहा कि श्रद्धा का फोन 2 महीने से बंद है. चूंकि उसका फोन नहीं मिल रहा था, इसलिए मैं थाने गया और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. मुझे यकीन है कि उसके लापता होने के पीछे आफताब जिम्मेदार है और उसने जरूर उसके साथ कुछ किया है.’
श्रद्धा के पिता महाराष्ट्र में रहते हैं. जब उन्होंने पिछले हफ्ते 10 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराई तो दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई. उन्होंने सितंबर में भी मुंबई पुलिस से संपर्क किया था, जब आफताब के मोबाइल की लोकेशन दिल्ली में पता चली थी. केस की फाइल नवंबर में दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दी गई थी.
‘हमें लगा कि उनका ब्रेकअप हो गया है’
इस इलाके में दशकों से रह रही पड़ोसी कुसुम लता ने कहा, ‘हमने कभी लड़की को तो नहीं देखा, सिर्फ लड़के को देखा था.’
लता ने कहा, ‘वे काफी ऊंची आवाज में गाना चलाकर झगड़ते थे. उनकी लड़ाई घंटों तक चलती रहती. यहां कई मकान किराए पर दिए गए हैं. हम किसी के मामले में दखलंदाजी नहीं करते हैं.’
लता की 17 साल की बेटी ने कहा, ‘मैंने तो सिर्फ लड़के को देखा है. लड़की कभी बाहर नहीं निकली. वह शायद ही कभी बालकनी में आती थी.
एक अन्य पड़ोसी बलबीर कौर ने कहा, ‘पहले काफी लड़के-लड़कियां घर पर आते रहते थे, लेकिन फिर ये सब रुक गया. हमें लगा कि उनका ब्रेकअप हो गया है.’
पुलिस ने अपार्टमेंट को सील कर दिया है. खिड़की के जरिए एक रैक पर सूखते कपड़ों को देखा जा सकता है, जबकि कुछ फर्श पर पड़े हुए थे. एक टील बाउल में कुछ सूखी लाल पंखुड़ियां पड़ी थीं. इन दोनों ने 9 मई को फ्लैट किराए पर लिया था.
25 साल से यहां रह रहे 66 साल के प्रेम गौतम ने कहा कि उन्होंने गर्मियों में एक बार बहुत हंगामा सुना था लेकिन उन्हें लगा कि लड़के-लड़कियां फ्लैट में पार्टी कर रहे हैं.
अनुवाद : संघप्रिया मौर्य
संपादन: इन्द्रजीत
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