पटना, 21 फरवरी (भाषा) बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को सोमवार को खारिज कर दिया।
मोदी की ही याचिका पर पटना उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। रांची की सीबीआई अदालत ने लालू को घोटाले से संबंधित एक और मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई है और उन पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ अपने खुलासा के लिए चर्चा में रहे भाजपा नेता मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस तर्क को भी बल दिया कि लालू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले कई लोग अब उनके करीबी सहयोगी हैं।
सुशील ने ट्वीट कर कहा, ‘‘लालू प्रसाद को चारा घोटाला के पांचवें मामले में भी सजा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं, लेकिन आश्चर्य यह है कि शिवानंद तिवारी, वृषिण पटेल, प्रेमचंद मिश्रा जैसे जिन लोगों ने चारा घोटाला में मुकदमा दायर किया था, वे बाद में पलटी मार कर लालू प्रसाद से मिल गए और भ्रष्टाचार का राजनीतिक बचाव करने वाले कुतर्क देने लगे।“
उन्होंने कहा, ‘‘इन पाला बदल लोगों और राजद ने भाजपा पर बार-बार लालू प्रसाद को फंसाने के अनर्गल आरोप लगाये। इन लोगों को न्यायपालिका पर केवल तभी भरोसा हुआ, जब लालू प्रसाद को जमानत मिली।”
मोदी ने कहा, ‘‘1996 के चारा घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जब पहला अभियोग पत्र दायर हुआ तब केंद्र में भाजपा नहीं कांग्रेस के समर्थन वाली देवगौड़ा सरकार थी।”
उन्होंने कहा, ‘‘जब लालू प्रसाद को इस मामले में पहली बार सजा हुई तब भी (केंद्र में) भाजपा की नहीं मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी। अदालत और जज (न्यायाधीश) किसी दल के नहीं होते फिर भी राजद एक झूठ को बार-बार बोलता रहा’’।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यदि लालू प्रसाद को फंसाया गया था तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी।“
उन्होंने कहा, ‘‘लालू प्रसाद को सभी पांच मामलों में सजा और जुर्माना होना अंततः न्याय की जीत है लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से दुख है कि राजद प्रमुख को इस उम्र में जेल जाना पड़ा।”
भाषा अनवर नोमान
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