नई दिल्ली: जहां देश भर में कई राज्यों ने मई में कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया, वहीं एक नए सर्वेक्षण के अनुसार तमिलनाडु के 59 प्रतिशत निवासियों और आंध्र प्रदेश के 54 प्रतिशत निवासियों का मानना है कि उनकी राज्य सरकारों ने इस अति आक्रामक लहर को काफी प्रभावी ढंग से संभाला. एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, लोकलसर्किल द्वारा मंगलवार को प्रकाशित किए गए सर्वेक्षण में, देश के 17 सबसे बड़े राज्यों में रहने वाले नागरिकों से कोविड महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान उनकी सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया.
इस सर्वे से पता चलता है कि तमिलनाडु में करीब 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपनी सरकार को इस दूसरी लहर के दौरान ‘बहुत प्रभावी’ के रूप में, 27 प्रतिशत ने ‘प्रभावी’, 27 प्रतिशत ने ‘कुछ हद तक प्रभावी’ और 11 प्रतिशत ने ‘अप्रभावी’ के रूप में आंका.
आंध्र प्रदेश के मामले में राज्य के 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपनी सरकार की प्रतिक्रिया को ‘बहुत प्रभावी’ बताया. उत्तरदाताओं की लगभग समान संख्या ने उसकी प्रतिक्रिया को ‘प्रभावी’ और ‘कुछ हद तक प्रभावी’ के रूप में मूल्यांकित किया.
इस सर्वे में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया. इन दोनों राज्यों में क्रमशः 51 प्रतिशत और 47 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने जताया कि उनकी राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस के प्रकोप को प्रभावी ढंग से संभाला.
गुजरात में यह आंकड़ा 46 प्रतिशत था, जबकि उत्तराखंड और ओडिशा दोनों में 43 प्रतिशत निवासियों ने कोविड के खिलाफ अपनी सरकार के प्रयासों को सकारात्मक रूप से आंका.
इस बीच, केरल – जिसकी कोविड-19 के खिलाफ किये गए प्रयासों के लिए देश भर में सराहना की गई है – के 1,684 उत्तरदाताओं में से केवल 39 प्रतिशत ने अपनी राज्य सरकार को दूसरी लहर से निपटने में प्रभावी माना. इनमें से 22 प्रतिशत ने कहा कि महामारी से निपटने के उसके प्रयास ‘बहुत प्रभावी’ थे, वहीं 17 प्रतिशत ने कहा कि यह प्रयास ‘प्रभावी’ था, जबकि 33 प्रतिशत ने इसे ‘कुछ हद तक प्रभावी’ बताया.
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सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्य
इस सर्वेक्षण के अनुसार, पश्चिम बंगाल 17-राज्यों की सूची में सबसे निचले पायदान पर है, जहाँ केवल 17 प्रतिशत निवासियों का मानना है कि उनकी सरकार ने कोविड की दूसरी लहर को प्रभावी ढंग से संभाला. इस राज्य में बड़े पैमाने पर राजनीतिक रैलियां देखी गईं, जिनकी दूसरी लहर के चरम के दौरान हर तरफ से कड़ी आलोचना की गई थी.
बिहार और दिल्ली को भी इस सूची के काफी निचले स्थान पर पाया गया, क्योंकि दोनों राज्यों के केवल 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कोरोना की हालिया लहर के दौरान अपनी सरकार के प्रयासों को प्रभावी माना.
इसके अलावा, पंजाब और मध्य प्रदेश में रहने वाले 28 प्रतिशत लोगों ने अपनी सरकारों के प्रयासों को प्रभावी बताया. इसके बाद कर्नाटक के 25 प्रतिशत और तेलंगाना के 23 प्रतिशत लोगों ने इसकी सराहना की.
इस सर्वेक्षण में कुल 383 जिलों से मिली 38,991 प्रतिक्रियाएं शामिल थीं. इनमें से 67 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे जबकि शेष महिलाएं थीं.
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