अगरतला, 27 नवंबर (भाषा) त्रिपुरा सरकार ने 1947 में विभाजन से पहले और उसके बाद राज्य और पूर्ववर्ती पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के बीच भूखंडों की अदला-बदली की स्थिति का पता लगाने के लिए गहन सर्वेक्षण शुरू किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोगों ने इस अवधि में परस्पर संपत्तियों का आदान-प्रदान किया था। यह अदला-बदली मुख्य रूप से भारत आना चाह रहे हिंदुओं और पाकिस्तान में बसना चाह रहे मुसलमानों के बीच हुई थी।
भूमि के आदान-प्रदान के बाद त्रिपुरा आए इनमें से कई लोगों ने जागरुकता और प्रशासनिक ढांचे की कमी के कारण संपत्तियों का पंजीकरण नहीं कराया। ऐसे कई भूखंड बेच भी दिए गए हैं।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य सरकार ने बदले गए भूखंडों की स्थिति का पता लगाने और गैर-पंजीकृत भूखंडों की संख्या जानने के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया है। यह सर्वेक्षण शुरू हो गया है।’’
गैर-पंजीकृत भूखंडों की सूची तैयार होने पर राज्य सरकार इसे केंद्र को भेजेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।’’
उन्होंने साफ किया कि जिनके पास उनके भूखंडों के संबंध में बैनामा या अन्य कोई कागजात है, उनका जमीन पर कब्जा माना जाएगा।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश
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