scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेशईवीएम पर सवाल करने से रोकने वाले कानून को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को नोटिस

ईवीएम पर सवाल करने से रोकने वाले कानून को चुनौती, सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को नोटिस

न्यायालय ने एक याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें ईवीएम और वीवीपीएटी के बीच विसंगतियों के बारे में शिकायत करने को गैरअपराधी कृत्य बनाने की मांग की गई है.

Text Size:

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाने पर छह महीने की जेल के कानूनी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया. न्यायालय ने एक याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें ईवीएम और वीवीपीएटी के बीच विसंगतियों के बारे में शिकायत दर्ज करने को गैरअपराधी कृत्य बनाने की मांग की गई है.

चुनाव नियमों की धारा 49 एमए के अनुसार यदि कोई व्यक्ति ईवीएम में विसंगति के संबंध में शिकायत (किसी विशेष पार्टी लिए वोट किया लेकिन किसी अन्य को चला गया) करता है और जांच के बाद यह गलत पाया जाता है तो शिकायतकर्ता पर ‘गलत जानकारी देने के लिए’ आईपीसी की धारा 177 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. इस धारा के तहत छह महीने की जेल या 1,000 रुपये जुमार्ना या दोनों सजा हो सकती है.


यह भी पढ़ेंः चुनाव आयोग पर मोदी शाह के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगा सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस


सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता व संजीव खन्ना की बेंच ने यह नोटिस सुनील आहया की याचिका पर दिया है. याचिकाकर्ता सुनील अहया ने अदालत से कहा कि यह धारा मतदाता को वोट डालने के दौरान कोई विसंगति नजर आने पर शिकायत करने से रोकती है.

आहया ने कहा है कि यह प्रावधान साफ और स्वतंत्र चुनाव के लिए मुश्किल खड़ा करता है. और कोई भी आसानी से शिकायत नहीं दर्ज करा पायेगा. यह एक नागरिक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करता है, जो कि आर्टिकल 19 के तहत मिले उसके मौलिक अधिकार तहत हासिल है.

share & View comments