नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसके तहत दलित शोधार्थी रामदास केएस को उसके कथित कदाचार और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया था।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने रामदास की निलंबन अवधि में कटौती करते हुए इसे गुजारी जा चुकी निलंबन अवधि तक सीमित कर दिया।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने पीएचडी शोधार्थी के निलंबन की अवधि दो साल से घटाकर शुक्रवार तक कर दी।
टीआईएसएस की एक अधिकार प्राप्त समिति ने 17 अप्रैल 2024 को रामदास को संस्थान से दो साल के लिए निलंबित कर दिया था। समिति ने रामदास के संस्थान से जुड़े सभी परिसरों में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
पीठ ने टीआईएसएस की ओर से पेश अधिवक्ता राजीव कुमार पांडेय दलीलों का संज्ञान लिया और उन दस्तावेजों का अवलोकन किया, जिनके आधार पर समिति ने रामदास को दो साल के लिए निलंबित कर दिया था।
पीठ ने निलंबन आदेश को रद्द तो नहीं किया, लेकिन इस तथ्य पर गौर किया कि रामदास संस्थान से पीएचडी कर रहा है और उसे इसे पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
भाषा पारुल माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.