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Thursday, 25 April, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका की सुनवाई पर लगाई रोक

3 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दो जनहित याचिकाएं स्वीकार की थी और अपने 79-पृष्ठ के फैसले में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया था.

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुनवाई पर रोग लगा दी, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों से संबंधित शेल कंपनियों के संबंध में जनहित याचिका को सुनने लायक माना था.

जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले को 12 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

झारखंड सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते वाली स्पेशल लीव पेटिशन (एसएलपी) फाइल की थी.

3 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दो जनहित याचिकाएं स्वीकार की थी और अपने 79-पृष्ठ के फैसले में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी द्वारा दी गई दलीलों को खारिज कर दिया था.

हाई कोर्ट ने आपत्तियों को बिंदुवार खारिज करते हुए कहा कि झारखंड हाईकोर्ट (जनहित याचिका) नियम, 2010 के नियम 4, 4-बी और 5 के अनुसार कुछ आवश्यक बातों का पालन नहीं किया गया है और तत्काल रिट याचिकाओं को सुनने लायक नहीं माना जा सकता.

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बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट शेल कंपनियों, मुख्यमंत्री सोरेन के खनन पट्टे और मनरेगा घोटाले से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.


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