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Saturday, 21 December, 2024
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सुप्रीम कोर्ट का नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इंकार, चार हफ्तों में केंद्र से जवाब मांगा

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि असम और त्रिपुरा के मसलों को एक साथ जोड़कर अलग से सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने सिब्बल से इन मामलों की पहचान करने में सहायता करने को कहा.

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने इस कानून को स्थगित करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट में दायर याचिकाओं में इस कानून पर रोक लगाने की बात थी. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ कर रही है.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हाई कोर्ट इस मामले पर सुनवाई न करें जब सुप्रीम कोर्ट इस पर काम कर रहा है.

केंद्र सरकार ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए उसे समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पाई हैं.

कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि वो चार हफ्तों में इस मामले पर अपना जवाब दायर करें. अटार्नी जनरल ने कोर्ट में 6 हफ्तों का समय मांगा. चार हफ्तों के बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले की प्रत्येक दिन सुनवाई करेगा.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि असम और त्रिपुरा के मसलों को एक साथ जोड़कर अलग से सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने सिब्बल से इन मामलों की पहचान करने में सहायता करने को कहा.

सीजेआई ने कहा, ‘सभी मामलों पर नोटिस जारी करें. एजी ने जवाब देने के लिए समय मांगा है. जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय दिया गया है. 4 सप्ताह के बाद हम इसे आदेशों के लिए भेजेंगे. हमें सभी मामलों की श्रेणियों की सूची दें.छोटे मामले हम चैम्बर में सुन सकते हैं.’

सीजेआई ने केंद्र से पूछा आप असम को लेकर कब याचिका दायर करेंगे? अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि हम दो सप्ताह के भीतर याचिका दायर कर देंगे. सीजेआई ने कहा- ठीक है. हम दो सप्ताह के बाद इसे सुनेंगे.

केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं .

न्यायालय ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता तय करने के लिए वह अपीलों को वृहद संविधान पीठ के पास भेज सकता है.

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह असम में अधिनियम के कार्यान्वयन के संबंध में एक पूर्व-भाग आदेश चाहते हैं. वह अदालत से कहते हैं- असम की स्थिति अलग है, पिछली सुनवाई के बाद से 40000 लोग असम में प्रवेश कर चुके हैं.

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिना किसी नियम के बनाए हुए 40 लाख से भी ज्यादा लोगों की नागरिकता संदिग्ध है. यही हाल उत्तर प्रदेश के 19 जिलों की भी है. उनके वोट देने के अधिकार चले जाएंगे. इसपर रोक लगाइए. यह हमारी प्रार्थना है. इससे काफी सारी बातों पर रोक लगेगी.

सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उत्तर प्रदेश में सीएए की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बिना नियम तय किए हुए यह सब हो रहा है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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