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Monday, 6 May, 2024
होमदेश‘लड़ाई कब खत्म होगी’, सुप्रीम कोर्ट बोली- कॉलेजियम सिस्टम अभी देश का कानून, मानना ही होगा

‘लड़ाई कब खत्म होगी’, सुप्रीम कोर्ट बोली- कॉलेजियम सिस्टम अभी देश का कानून, मानना ही होगा

शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया काफी कठिन है. जब तक कोई कानून नहीं बन जाता कॉलेजियम सिस्टम को बरकरार रखा जाएगा.

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सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के बीच तकरार लगातार जारी है. गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम प्रणाली पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बताई गई उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया काफी बोझिल है. न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सरल प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए ताकि इसका वास्तविक उद्देश्य विफल न हो.

कोर्ट ने कहा, ‘जब तक कॉलेजियम सिस्टम है और इसे बरकरार रखा जाता है तब तक इसे लागू करना है.’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘केंद्र सरकार द्वारा सुझाई गई प्रक्रिया काफी कठिन है और ऐसे हालात में कोई काम नहीं करना चाहेगा.’

सर्वोच्च न्यायालय देश की अदालतों में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के लिए भेजे गए नामों से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

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जस्टिस एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस ए एस ओका और विक्रम नाथ शामिल थे. केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी का पक्ष रख रहे थे.

कोर्ट ने कहा, ‘केंद्र सरकार जजों के नामों को मंजूरी देने में देर कर रही है.’

जस्टिस एस के कौल ने केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आप कानून लाना चाहते हैं तो लाइए, आपको कानून लाने से कोई नहीं रोक सकता. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि यह लड़ाई कब खत्म होगी ?

कोर्ट और सरकार के बीच विवाद जारी

जजों के भर्ती प्रक्रिया के लिए बनी कॉलेजियम प्रणाली सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के बीच विवाद का एक बड़ा विषय बन गया है. सरकार द्वारा समय समय पर कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए जाते रहे हैं, हाल ही में 25 नवंबर को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कोर्ट पर हमला करते हुए कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम में पारदर्शिता की कमी है और यहां कुछ परिवारों का ही कब्जा है. उन्होंने कॉलेजियम प्रणाली को एलियन बताया था. सरकार ने हाल ही में कॉलेजियम प्रणाली द्वारा भेजे गए 20 नाम को वापस भेज दिया था.

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