नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार से मुथरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े मुकदमों का विवरण देने को कहा है.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने इस मामले को 3 हफ्ते बाद के लिए सूचीबद्ध किया है. शीर्ष अदालत, प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला अदालत से अपने पास ट्रांसफर कर लिया था.
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में कई मुकदमे दायर किए गए हैं. प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति इलाहाबाद हाईकोर्ट के सभी याचिकाओं को खुद के पास ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिसके बाद कोर्ट ने इससे जुड़े विवरण मांगे हैं.
समिति ने एडवोकेट आरएचए सिकंदर की ओर से याचिका दायर की है.
प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट उस आदेश को चुनौती दी है जो कि 26 मई को दिया गया था, जिसके बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी मामलों को मथुरा जिला कोर्ट, उत्तर प्रदेश से खुद के पास ट्रांसफर कर लिया था.
उच्च न्यायालय ने इस तथ्य के बावजूद कि मुकदमे में कार्यवाही हो रही है, ट्रांसफर आवेदन को इजाजत दे दी थी, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की समन्वय पीठ ने 3 अगस्त, 2022 को रोक लगा दी थी.
इस निर्णय के तहत बाकी मुकदमों को भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके लिए कोई ट्रांसफर आवेदन दायर नहीं किया गया था.
अभी तक, श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में मथुरा कोर्ट में 9 मामले दायर किए गए हैं.
लखनऊ निवासी रंजना अग्नहोत्री ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगते हुए मुकदमा दायर किया था.
मुकदमे में अग्निहोत्री ने कृष्ण जन्मभूमि पर निर्मित शाही ईदगाह मस्जिद को ढहाने की मांग की है.
मथुरा की अदालत में दायर मुकदमे में मस्जिद को ढहाने की मांग करते हुए कहा गया है कि इसे मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर 13.37 एकड़ वाले कटरा केशव देव मंदिर परिसर, भगवान कृष्ण के जन्म स्थान पर 1669-70 में बनाया गया था.
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