नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आधार योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखने के अपने आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सोमवार को फैसला सुना सकता है.
अदालत ने अपने आदेश में योजना के कुछ प्रावधानों को खत्म करने की बात कही थी, जिसमें बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और स्कूल में दाखिले की जानकारी आधार से जोड़ने का प्रावधान शामिल है.
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस ए नजीर और बी आर गवई की पांच न्यायधीशों की पीठ 26 नवंबर 2018 के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी.
उस समय प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन कार्ड बनवाने के लिये आधार अनिवार्य होगा. हालांकि आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य नहीं होगा और न ही दूरसंचार सेवा प्रदाता मोबाइल कनेक्शन के लिये इसे जोड़ने की मांग कर सकते हैं.
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