नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. के. कौल ने बुधवार को कहा कि वह एक फर्म द्वारा कथित रूप से वादकारियों को धोखा देने से संबंधित मामले में कोई भी व्हाट्सएप संदेश प्राप्त नहीं करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति कौल उस पीठ का हिस्सा है जो इस मामले की सुनवाई कर रही है।
न्यायमूर्ति कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ हीरा गोल्ड मामले में तेलंगाना और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जहां कंपनी पर निवेशकों से 5,600 करोड़ रुपये जमा करने का आरोप है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि न्याय की मांग करने वाले कुछ संदेश एक व्हाट्सएप समूह को भेजे गए हैं, जिसके वह भी सदस्य हैं और उन्होंने वादियों से इस तरह के संदेश भेजने से परहेज करने को कहा है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं मामले से संबंधित व्हाट्सएप संदेश प्राप्त नहीं करना चाहता। कोई मेरे समूह में संदेश छोड़ देता है। हम इस सब में नहीं पड़ना चाहते हैं।’’
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम निवेशकों द्वारा न्याय मांगने के लिए व्हाट्सएप संदेश भेजने पर चिंता व्यक्त करते हैं। यह न्याय पाने का तरीका नहीं है। हम उनसे आगे ऐसा नहीं करने का आह्वान करते हैं।’’
फर्म पर निवेशकों को सोने की बचत योजनाओं में निवेश करने का लालच देकर ठगने का आरोप है।
भाषा देवेंद्र उमा
उमा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.