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Friday, 22 November, 2024
होमदेशपत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए मथुरा जेल से दिल्ली लाने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए मथुरा जेल से दिल्ली लाने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि सिद्दीक कप्पन को स्वस्थ होने के बाद दिल्ली से मथुरा जेल वापस भेजा जाए.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए मथुरा जेल से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं. कप्पन 21 अप्रैल को कोविड संक्रमित हो गए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि गिरफ्तार पत्रकार कप्पन को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया या एम्स या जहां भी उपचार उपलब्ध हो, वहां भेजा जाए.

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट आदेश दिया कि सिद्दीक कप्पन को स्वस्थ होने के बाद मथुरा जेल वापस भेजा जाए.

अदालत ने सिद्दीक कप्पन को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने या किसी अन्य राहत के लिए उचित फोरम पर जाने की भी छूट दी है.

कप्पन को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है और उनपर आरोप लगाया है कि हाथरस गैंगरेप-मर्डर केस के बाद वो प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे थे.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी.

उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए मेहता ने कहा कि कई आरोपियों का राज्य के अस्पतालों में इलाज हो रहा है और कप्पन को खास तवज्जो महज इसलिए नहीं मिलनी चाहिए कि मामले में याचिकाकर्ता पत्रकारिता संबंधी एक निकाय है.

पीठ ने कहा, ‘हम स्वास्थ्य के मुद्दे तक सीमित हैं. यह राज्य के हित में भी है कि आरोपी को बेहतर इलाज मिले.’

तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत के सुझाव का यह कहते हुए कड़ा विरोध किया था कि 42 वर्षीय कप्पन कोविड-19 से पीड़ित नहीं हैं और उन्हें मथुरा की जेल के अस्पताल में इलाज दिया जा सकता है.

उन्होंने पीठ से अपने आदेश में यह भी जिक्र करने को कहा कि दिल्ली में कप्पन के लिए अस्पताल का बेड खाली किया जाए क्योंकि सारे अस्पताल पहले ही मरीजों से भरे हुए हैं.

पिछले साल 16 नवंबर को, शीर्ष अदालत ने पत्रकार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश से जवाब दाखिल करने को कहा था.

पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

कप्पन को हाथरस घटना की रिपोर्टिंग पर जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था, जहां पिछले साल 14 सितंबर को एक दलित युवती की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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