नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए कहा है. वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने लगाए हैं.
Supreme Court has fixed the matter for further hearing on Tuesday, November 20. #CBI https://t.co/swtJIq52F7
— ANI (@ANI) November 16, 2018
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट के कुछ भाग वर्मा के लिए सम्मानजनक हैं, लेकिन कुछ भाग में ऐसा नहीं है.
पीठ ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिसकी जांच की जानी जरूरी है.
प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट वरिष्ठ वकील फली नरीमन को सीलबंद लिफाफे में दिया जाए और मामले की अगली सुनवाई के दिन 20 नवंबर से पहले इसका जवाब सीलबंद लिफाफे में पेश किया जाए.
वर्मा की तरफ से पेश नरीमन ने कहा कि वे जल्द से जल्द रिपोर्ट का जवाब अदालत में पेश करना चाहेंगे. नरीमन ने संकेत दिया कि वे सोमवार को रिपोर्ट का जवाब दे सकते हैं.
12 नवंबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने जांच रिपोर्ट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को सील बंद लिफाफे में सौंपी थी.
इससे पहले 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी को आलोक वर्मा पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच 2 हफ्तों के भीतर पूरी करने के लिए कहा था. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते 23 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग की सलाह पर आलोक वर्मा से सारे अधिकार वापस ले लिए और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था. वर्मा की जगह पर एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर दिया था.
आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और इसे रद्द करने की मांग की है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ आलोक वर्मा की याचिका और एनजीओ कॉमन कॉज की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है.
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर 2 करोड़ की घूस लेने का आरोप लगाया था.
(आईएएनएस इनपुट के साथ)