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मंगलवार, 22 अप्रैल, 2025
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ऑटोमोटिव उद्योग में एआई के आगमन से नौकरियां जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय चिंतित

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नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के आगमन से ऑटोमोबाइल उद्योग में नौकरियां खत्म होने पर मंगलवार को चिंता व्यक्त की।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें लोगों के “सांस लेने, स्वास्थ्य व स्वच्छ वातावरण” के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की अपील की गई है।

पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से ऐसे वाहनों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर लिए गए केंद्र सरकार के नीतिगत फैसलों से अवगत कराने को कहा।

‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सरकारी नीति को लागू करने और चार्जिंग स्टेशन जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत में हैं और सरकार को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति को तत्काल लागू करने की आवश्यकता है।

जब भूषण ने इलेक्ट्रिक वाहनों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) समेत नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग का जिक्र किया, तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हमारी एकमात्र चिंता यह है कि एआई के आगमन से वाहन चालकों का रोजगार खत्म न हो जाए। भारत में वाणिज्यिक वाहन चलाना रोजगार का एक बड़ा स्रोत है। एआई स्वयं बहुत तेजी से विकसित हो रहा है।”

भूषण ने अमेरिका में चालक रहित उबर कैब का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह चालक रहित कैब अब एक वास्तविकता बन गई है और एआई का प्रभाव अकल्पनीय है। मैं पिछले कुछ वर्षों से इस एआई तकनीक का अध्ययन कर रहा हूं और निश्चित रूप से कह सकता हूं कि कुछ होने वाला है।’

शीर्ष अदालत ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के संबंध सरकार की पहल के बारे में जानकारी देने के लिए वेंकटरमणि को चार सप्ताह का समय दिया और सुनवाई 14 मई के लिए निर्धारित की।

उल्लेखनीय 19 फरवरी, 2020 को शीर्ष अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सभी सार्वजनिक परिवहन व सरकारी वाहनों को धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बदलने के प्रस्ताव पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की थी।

एनजीओ की ओर से पेश भूषण ने दलील दी थी कि राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी मिशन योजना (एनईएमएमपी) के अनुसार सरकार को 2020 ईवी खरीदने थे।

भाषा जोहेब माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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