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Sunday, 24 November, 2024
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Sulli Deals 2.0: Git Hub पर Bulli Bai ऐप के जरिए एक बार फिर टारगेट की जा रहीं मुस्लिम महिलाएं

सुल्ली डील्स के करीब 6 महीने बाद मुस्लिम महिलाओं को इंटरनेट के जरिए एक बार फिर टारगेट किया गया है. घटना के वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

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नई दिल्लीः सुल्ली डील्स आने के करीब 6 महीने बाद एक बार फिर मुस्लिम महिलाएं किसी अनजान ग्रुप द्वारा इंटरनेट टारगेट की जा रही हैं. इंटरनेट पर शनिवार को ओपन सोर्स कोड रिपॉज़िटरी गिट हब पर बुल्ली बाई नाम के ऐप के जरिए करीब सौ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की फोटो को अपलोड कर दिया गया. इसके पहले सुल्ली डील नाम से एक ऐप पर कुछ मुस्लिम महिलाओं की फोटो बिक्री के लिए डाल दी गई थी.

जबकि सुल्ली डील को बनाने वाले लोग कभी पकड़े नहीं गए और उनकी पहचान को कभी भी उजागर नहीं किया गया. लेकिन बुल्ली बाई ऐप बनाने वालों ने अपने आपको खालिस्तानी मूवमेंट का समर्थक बताया है और खालिस्तानी आतंकियों को छोड़ने की मांग की है.

घटना के वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आ गई और मामले का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

दि वायर की जर्नलिस्ट इस्मत आरा, जिनका नाम इस ऐप में था, उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुस्लिम महिलाओं को भय और घृणा के वातावरण में नया साल शुरू करने को मजबूर होना पड़ रहा है. आगे उन्होंने लिखा कि मैं अकेली नहीं हूं जिसे सुल्ली डील के इस नए वर्ज़न में टारगेट किया गया है. सुबह किसी दोस्त ने स्क्रीन शॉट शेयर किया मुझे. उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में शिकायत की है ताकि एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जा सके.

आर.जे. सायमा ने कहा कि उन्हें भी इसके जरिए टारगेट किया गया है.

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि, ‘मैंने मुंबई पुलिस से इस मामले को उठाया है और मांग की है कि गुनहगारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने लिखा कि मुंबई पुलिस कमिश्नर और डीसीपी रश्मि बंसल करंदिकर जी से इस मामले में बात की है. वे इस मामले में जांच करेंगे. इसके अलावा महाराष्ट्र के डीजीपी से भी बात की है.’

उन्होंने ये भी लिखा कि मैंने इस मामले में आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव से भी बात की है कि वे इस मामले में कड़े कदम उठाएं.

क्या है ‘बुल्ली बाई’ ऐप

गिट हब रिपॉज़िटरी ओपन-सोर्स कोड के साथ एक होस्टिंग प्लेटफॉर्म है. सुल्ली ऐप की तरह ही बुल्ली ऐप को भी गिट हब पर ही क्रिएट किया गया है. हालांकि, कंपनी ने इस मामले में आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है. होस्टिंग प्लेटफॉर्म के रूप में गिट हब यूजर्स को ऐप्स क्रिएट करने की इजाज़त देता है. गिट हब मार्केट प्लेस पर ऐप्स को बेचा या खरीदा भी जा सकता है.

क्या था ‘सुल्ली डील्स’

बता दें कि करीब 5-6 महीने पहले भी मुस्लिम महिलाओं की उनकी तस्वीरों और नाम के साथ गिट हब पर ही बनाए गए सुल्ली डील्स नाम से बनाए गए एक ऐप के जरिए नीलामी की जा रही थी. इस ऐप पर सैकड़ों जानी-मानी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को अपलोड कर दिया गया था. इसके जरिए तमाम मुसलमान महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और रिसर्चर्स को निशाना बनाया गया था. बाद में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके मामले की छानबीन की थी.


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