चंडीगढ़, 13 नवंबर (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को अकाल तख्त के जत्थेदार से धार्मिक कदाचार के आरोप में उनकी सजा की घोषणा करने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किये हुए दो महीने से अधिक समय बीत चुका है।
तीस अगस्त को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 तक अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए बादल को ‘तनखैया’ घोषित किया था।
जत्थेदार ने अभी तक बादल के लिए धार्मिक सजा की घोषणा नहीं की है।
बादल ने बुधवार को अमृतसर में अकाल तख्त सचिवालय में अपना लिखित अनुरोध प्रस्तुत किया। पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने अपना अनुरोध प्रस्तुत करने के बाद अमृतसर में पत्रकारों से कहा कि अकाल तख्त के आदेश को हर सिख स्वीकार करता है।
उन्होंने कहा कि ‘तनखैया’ घोषित किए जाने के एक दिन बाद वे सजा के लिए अकाल तख्त के समक्ष उपस्थित हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज यहां अनुरोध करने आया हूं कि ढाई महीने से अधिक समय बीत चुका है (जब से मुझे तनखैया घोषित किया गया था) लेकिन सजा के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। वे जो भी आदेश देंगे, मैं उसका पालन करूंगा।’’
इस बीच अमृतसर में बुधवार को अकाल तख्त पर जत्थेदार से मिलने पहुंचे सुखबीर सिंह बादल की हड्डी में मामूली ‘फ्रैक्चर’ हो गया।
घटना के तुरंत बाद उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने उन्हें गुरु रामदास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया, जहां फ्रैक्चर होने का पता चला।
शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुखबीर बादल को आज अमृतसर में दाहिने पैर की छोटी हड्डी में मामूली ‘फ्रैक्चर’ हुआ। चिंता की कोई बात नहीं है। गुरु साहिब के आशीर्वाद से वह बिल्कुल ठीक हैं और स्थानीय अस्पताल में उपचार के तुरंत बाद अपने अगले गंतव्य के लिए रवाना हो गए हैं।’’
भाषा अमित देवेंद्र
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