(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, दो जुलाई (भाषा) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और अन्य अकाली नेताओं को बुधवार को मोहाली में हिरासत में ले लिया गया जहां वे पार्टी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने पहुंचे थे।
मजीठिया को आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के एक मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। सात दिन की सतर्कता ब्यूरो की हिरासत बुधवार को खत्म होने पर उन्हें मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उनकी हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी।
मोहाली में सतर्कता ब्यूरो (वीबी) कार्यालय और जिला अदालत परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
बादल, पार्टी नेता सिकंदर सिंह मलूका और परमबंस सिंह बंटी रोमाना को अम्ब साहिब गुरद्वारे के पास हिरासत में लिया गया।
बादल और अन्य अकाली नेताओं ने गुरद्वारे की ओर बढ़ने की कोशिश की तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। हिरासत में लेकर पुलिस बादल और अन्य अकाली नेताओं को थाने में ले गयी। पुलिस ने अकाली नेताओं को छोड़ दिया।
शिअद अध्यक्ष गुरुद्वारे में मत्था टेकने जा रहे थे, जिसके बाद उन्हें अकाली कार्यकर्ताओं को लेकर ब्यूरो के प्रदेश कार्यालय में जाना था, जहां वह ‘मजीठिया के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध’ के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे।
एक वीडियो में पूर्व उप मुख्यमंत्री बादल को पुलिस के एक अधिकारी से यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें जाने दिया जाए क्योंकि वह गुरद्वारे में मत्था टेकना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या वे (आप सरकार) अकाली कार्यकर्ताओं से इतने डरे हुए हैं? मैं गुरद्वारे में मत्था टेकने जा रहा हूं।’’
बादल ने संवाददाताओं से बातचीत में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की ‘हत्या’ करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘वे हमें डरा नहीं सकते। हर एक अकाली कार्यकर्ता आप सरकार के दमन के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा और जवाब देगा। (मुख्यमंत्री) भगवंत मान की हताशा ने साबित कर दिया है कि वह शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के बढ़ते हौसले से घबरा गए हैं।’’
उन्होंने पुलिस का ‘दुरुपयोग’ करके अकाली कार्यकर्ताओं को गुरुद्वारा जाने से रोकने के लिए आप सरकार पर निशाना साधा।
इससे पहले बादल ने ‘एक्स’ पर दावा किया था कि मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने मोहाली जा रहे कई अकाली कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पार्टी के अनुसार, अमृतसर, ब्यास एवं अन्य स्थानों पर उसके कई कार्यकर्ताओं को उनके आवासों पर ‘हिरासत’ में लिया गया है।
बादल ने लिखा, ‘‘भगवंत मान ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा झूठे मामले में फंसाए गए बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आज मोहाली जा रहे अकाली कार्यकर्ताओं को उनके घरों में ही हिरासत में लिया जा रहा है और यहां तक कि सभी प्रमुख सड़कों पर लगाए गए नाकों पर भी उन्हें रोका जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे दमनकारी कृत्यों से कायरता की बू आती है। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान बिक्रम सिंह मजीठिया के लिए बढ़ते समर्थन से घबरा गए हैं।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अकाली दल और उसके कार्यकर्ता ऐसी दमनकारी हरकतों से नहीं डरेंगे। अतीत में भी अकालियों ने जन आंदोलनों के माध्यम से दमन का मुकाबला किया है।’’
बादल ने कहा, ‘‘अब हम पंजाबियों के समर्थन से भ्रष्ट और तानाशाही वाले शासन को करारा सबक सिखाएंगे।’’
इस बीच, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने हजारों कार्यकर्ताओं को मोहाली पहुंचने से रोकने के बादल के दावे पर कटाक्ष किया।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या आज पंजाब में आपके पास एक हजार कार्यकर्ता भी बचे हैं। अपने दस साल के शासन के दौरान आपने अकाली दल को ‘खाली दल’ में बदल दिया।’’
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि अकाली-भाजपा सरकार के दौरान इन लोगों ने ‘पंजाब को लूटा और युवाओं को नशे की लत में धकेला।’
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि अकाली दल एक ‘पंथिक’ आंदोलन से ‘सुखबीर बादल के नियंत्रण में एक पारिवारिक व्यापारिक साम्राज्य’ में तब्दील हो गया है।
सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को 540 करोड़ रुपये से अधिक के ‘मादक पदार्थ से संबंधित धन’ को सफेद करने में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
उन्हें 26 जून को मोहाली की एक अदालत ने सात दिन की सतर्कता रिमांड पर भेज दिया था।
मजीठिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में सतर्कता ब्यूरो ने दावा किया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 540 करोड़ रुपये से अधिक के ‘ड्रग मनी’ को कई तरीकों से सफेद किया गया था और कथित तौर पर मजीठिया ने इसमें मदद की थी।
भाषा राजकुमार माधव रंजन
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