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Thursday, 31 October, 2024
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भारत में पुरुषों की आत्महत्या दर एक बड़ी चिंता, महिलाओं की तुलना में दोगुनी, ध्यान देने की जरूरत: स्टडी

द लैंसेट में छपी "भारत में आत्महत्या से होने वाली मौतों का बदलता पैटर्न" शीर्षक वाली इस स्टडी में जनसांख्यिकीय डेटासेट का उपयोग करके भारत में आत्महत्या दरों का अध्ययन किया गया है.

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नई दिल्ली: प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका द लैंसेट में छपी एक स्टडी से पता चला है कि भारत में आत्महत्या दर में वृद्धि एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. इसमें दावा किया गया है कि पुरुषों के बीच आत्महत्या दर काफी अधिक है. स्टडी से पता चलता है कि भारत में पुरुषों में आत्महत्या मृत्यु दर महिलाओं की तुलना में दोगुनी है. कहा गया है कि पुरुषों में आत्महत्या मृत्यु दर (एसडीआर) 34.6% है, जबकि महिलाओं में यह 13.1% है. “भारत में आत्महत्या से होने वाली मौतों का बदलता पैटर्न” शीर्षक वाली इस स्टडी में जनसांख्यिकीय डेटासेट का उपयोग करके भारत में आत्महत्या दरों का अध्ययन किया गया है.

द लैंसेट में छपी इस स्टडी में साल 2014 से लेकर 2021 तक आत्महत्या से हुई मौतों का अध्ययन किया गया है. इसके लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट का उपयोग किया गया. इसमें इस बात पर जोर डाला गया कि भारत में बीमारी से होने वाली मौतों पर अधिक चर्चा होती है लेकिन आत्महत्या जैसे विषयों को आमतौर पर नजरअंदाज किया जाता है.

इसमें कोरोना महामारी के बाद आत्महत्या के बदलते पैटर्न की ओर भी इशारा किया गया जिसमें बेरोजगारी को आत्महत्या के एक स्पष्ट कारण के रूप में बताया गया है. स्टडी में दावा किया गया कि बेरोजगारी पुरुषों के बीच 48.2% और महिलाओं के बीच 27.8% आत्महत्या का एक कारण है.

साथ ही दावा किया गया कि पारिवारिक समस्याओं, करियर की चिंता और स्वास्थ्य संबंधी विषयों के चलते भी लोग आत्महत्या करते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि 2014 से 2021 के दौरान आत्महत्याओं का पुरुष-से-महिला अनुपात क्रमशः 1.9 और 2.5 से बढ़कर 2.4 और 3.2 हो गया.

इसमें दावा किया गया है कि पुरुष आत्महत्या मामले में सबसे आम आयु वर्ग 18-29, 30-44, 45-59 वर्ष है जबकि महिलाओं के बीच आत्महत्या से होने वाली मौतों में सबसे आम आयु सीमा 18-29 वर्ष है.

स्टडी में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि अशिक्षित महिलाओं की तुलना में कक्षा 6 तक पढ़ाई कर चुकी महिलाओं के बीच आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई है. साथ ही अविवाहित महिलाओं में आत्महत्या के मामलों में थोड़ी वृद्धि हुई है और विवाहित महिलाओं में आत्महत्या दर में थोड़ी कमी आई है, जोकि एक राहत की खबर है.

लेकिन पुरुषों को लेकर पैटर्न काफी अलग हैं. साल 2014 से लेकर 2021 तक कामकाजी पुरुषों में आत्महत्या से होने वाली मौतों में 170.7% की वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप 2021 में महिलाओं में 13.1 के मुकाबले पुरुषों में एसडीआर 34.6 हो गई.


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