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Monday, 14 October, 2024
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‘वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का है नतीजा’, Chandrayaan-3 की लैंडिंग पर बोले ISRO अध्यक्ष सोमनाथ- सफलता बड़ी है

इसरो अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने के साथ चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 बनाने वाली पूरी टीम के योगदान को याद किया जाना चाहिए और मैं उन सभी को इस मौके पर धन्यवाद देता हूं.

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नई दिल्ली: भारत के वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया है. बुधवार को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. भारत की इस सफलता को बड़ा बताते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि यह सफलता ‘बहुत बड़ी’ और ‘प्रोत्साहित करने वाली’ है.

हालांकि चंद्रयान-2 की असफलता के बाद इस बार वैज्ञानिकों ने इसकी सफल लैंडिंग के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी वहीं भगवान में विश्वास करने वाले भक्तों ने भी चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर कई दिनों से पूजा-अर्चना कर रहे थे.

प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से ऑनलाइन इस ऐतिहासिक पल में देश के साथ जुड़े और जैसे ही वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की घोषणा की पीएम मोदी ने तिरंगा फहराकर खुशी का इजहार किया और वैज्ञानिकों की कोशिश की प्रशंसा की.

मिशन, जिसे 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था, अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में छह पेलोड लेकर चंद्रमा पर पहुंचा है.

‘चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 के वैज्ञानिकों को भी बधाई’

मिशन की सफलता के तुरंत बाद परिचालन परिसर में इसरो टीम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री ने मुझे फोन कर और अपनी शुभकामनाएं आप सभी को और आपके परिवारों को इसरो में किए गए आपके शानदार कार्य के लिए दी हैं. चंद्रयान-3 और ऐसे अन्य मिशन में सहयोग देने के लिए मैं उनको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. राष्ट्र के लिए हम जो प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं, उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें प्रशंसा मिल रही है. ’’

सोमनाथ ने मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करने वाले सभी लोगों का और इसरो के पूर्व प्रमुख ए एस किरन कुमार समेत अन्य वैज्ञानिकों का भी आभार जताया.

उन्होंने कहा, ‘‘ वे बहुत मददगार रहे, वे उस टीम का हिस्सा थे जो वैज्ञानिकों का आत्मविश्वास बढ़ाते थे. इससे वैज्ञानिक अपने काम की समीक्षा करते थे और सुनिश्चित करते थे कि कोई गलती न हो.’’

इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और 26 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ.

सोमनाथ ने इस दौरान चंद्रयान एक और दो में भाग लेने वाले वैज्ञानिकों को भी याद करते हुए कहा, यह इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह वह यात्रा है जो चंद्रयान-1 से शुरू हुई थी, जो चंद्रयान-2 में भी जारी रही और चंद्रयान-2 अब भी काम कर रहा है और बहुत से संदेश भेज रहा है.’’

सोमनाथ ने कहा, ‘‘ चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने के साथ चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 बनाने वाली पूरी टीम के योगदान को याद किया जाना चाहिए और मैं उन सभी को इस मौके पर धन्यवाद देता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रोत्साहित करने वाली प्रगति है और निश्चित तौर पर बहुत बड़ी है.’’

बता दें कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर पीएम ने न केवल वैज्ञानकों को बधाई दी साथ ही उन्होंने देश के लिए भी यह पल अविस्मरणीय बताया. उन्होंने कहा, “ये क्षण अभूतपूर्व है, ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है, ये क्षण नए भारत के जयघोष का है, ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है, ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है.”

पीएम ने इसरो अध्यक्ष सोमनाथ को बधाई देते हुए कहा कि सोमनाथ जी आपके नाम में ही सोम है जो चांद से जुड़ा हुआ है ऐसे में आपका पूरा परिवार भी आनंदित होगा.

इस दौरान कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इसरो का दौरा किया और वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए बधाई दी. डीके शिवकुमार को चंद्रयान परियोजना के बारे में जानकारी दी गई और वैज्ञानिकों के बीच सार्थक खुशी के क्षण देखे गए.

कर्नाटक उपमुख्यमंत्री ने कहा, ” विक्रम लैंडर को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारने की आपकी उपलब्धि सराहनीय है. आप भारत का गौरव हैं. परियोजना के लिए कड़ी मेहनत करने वाले इसरो के सभी वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के प्रयास अविस्मरणीय हैं…इसरो को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई.”

वहीं लूना-25 की असफलता झेल चुके रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चंद्रयान -3 मिशन की सफल लैंडिंग पर भारत को बधाई देते हुए एक बधाई संदेश भेजा, “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की सफल लैंडिंग के अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास है. यह अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ा कदम है और निश्चित रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रभावशाली प्रगति का प्रमाण है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेतृत्व और कर्मचारियों को नई उपलब्धियों के लिए मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.’

चूंकि इसरो शाम 5.20 बजे से ही अपने इस महात्वकांक्षी मिशन का लाइव टेलीकास्ट कर रहा था इसलिए देश दुनिया में बैठे न केवल भारतीय बल्कि अंतरिक्ष में खोजी अभियान चला रहे वैज्ञानिक और सरकारें भी इसे बड़े चाव से देख रही थीं. ऐसा ही एक वीडियो वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास का सामने आया जब चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने पर अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में अंतरिक्ष सलाहकार क्रुणाल जोशी भावुक हो गए. चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के साथ एक ओर जहां उन्होंने ताली बजा कर खुशी का इजहार किया वहीं उन्होने कहा, “मुझे यकीन है कि चंद्रयान 3 भारत के नेतृत्व में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण और टिकाऊ अन्वेषण की दिशा में आगे बढ़ेगा.”

‘हम चंद्रयान में रह रहे हैं, खा रहे हैं, सांस ले रहे हैं’

सफल लैंडिंग के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया, इसरो और देश को “वास्तव में महत्वपूर्ण अवसर” पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी घटना है जो जीवनकाल में एक बार होती है, इसपर हम सभी भारतीयों को गर्व है.”

मिशन के निदेशक श्रीकांत ने कहा, “चंद्रयान -3 का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है”, और मैं अपने साथियों को उनके अथक परिश्रम के लिए धन्यवाद देता हूं.

कल्पना कालाहस्ती जो प्रोजक्ट की एसोसिएट डायरेक्टर हैं ने इस मौके पर कहा, “चंद्रयान-3 टीम के लिए यह सबसे यादगार पल है. जब हमने चंद्रयान 2 की असफलता को देखा और चंद्रयान -3 की तैयारी शुरू की उस दिन से बस हम चंद्रयान-3 की ही सांस ले रहे हैं और छोड़ रहे हैं.


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