नई दिल्ली: बिहार ने ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण और स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. राज्यभर में वर्ष 2014 से अब तक करीब 10 वर्षों में 1 करोड़ 46 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत किया गया है. इस अभियान ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और शौचालय की उपलब्धता को बढ़ाया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘सात निश्चय-1’ के तहत शौचालय निर्माण को प्राथमिकता दी गई. पहले चरण में (2014-15 से 2019-20) राज्य के 122.15 लाख परिवारों के लिए शौचालय बनवाए गए. इसके साथ ही, शौचालयों के उपयोग और उनकी निरंतरता को बढ़ावा देने के लिए परिवारों को 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई. इसके बाद, द्वितीय चरण (2021-22 से 2025-26) में 24.70 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया.
अभी अगले 2 वर्षों में 8 लाख और शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 1 लाख से अधिक रिक्शों का उपयोग किया जा रहा है. राज्य सरकार ने भूमिहीन और अस्थायी आबादी के लिए सामुदायिक शौचालय निर्माण का भी लक्ष्य रखा है.
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के सफल क्रियान्वयन से बिहार न केवल खुले में शौच मुक्त हुआ है, बल्कि इससे ग्रामीण परिवारों को स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा भी मिली है. यह पहल राज्य में स्वच्छता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है.
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