scorecardresearch
Sunday, 24 November, 2024
होमडिफेंसपनडुब्बियां और एके 203 राइफल्स- मेक इन इंडिया के तहत इन दो प्रोजेक्ट्स पर ज़ोर दे रही है मोदी सरकार

पनडुब्बियां और एके 203 राइफल्स- मेक इन इंडिया के तहत इन दो प्रोजेक्ट्स पर ज़ोर दे रही है मोदी सरकार

पनडुब्बियों के लिए निविदाएं 'जल्द ही' जारी होने की उम्मीद है जबकि अक्टूबर तक भारत-रूस एके 203 राइफल को अंतिम रूप दिया जा सकता है.

Text Size:

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार दो प्रमुख मेक इन इंडिया परियोजनाओं पर जोर दे रही है- नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियां और एके 203 राइफल्स फैक्ट्री. दिप्रिंट को यह जानकारी मिली है.

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि 114 लड़ाकू विमानों के लिए प्रतीक्षित निविदा में हालांकि, अभी समय लग सकता है.

सूत्रों ने कहा कि नौसेना की उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टरों और कामोव सौदे के लिए निविदाएं अन्य परियोजनाओं में से एक हैं.

पिछले हफ्ते, सरकार ने रक्षा क्षेत्रों के लिए एक नई निगेटिव इम्पोर्ट लिस्ट जारी की थी.


यह भी पढ़ें: कर्ज़, तेल और इमरान के लिए सऊदी की रॉयल जेट की फ्री सवारी की सौगात के बिना पाकिस्तान क्या है


चुने गए दो प्रोजेक्ट्स

सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) प्रणाली वाली छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए निविदा जल्द ही जारी की जाएगी. राज्य द्वारा संचालित एमडीएल और निजी खिलाड़ी एल एंड टी इस मेगा प्रोजेक्ट, पी75आई के लिए सबसे आगे हैं.

इन छह डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की खरीद भी निगेटिव इम्पोर्ट लिस्ट में शामिल है.

एके 203 राइफल्स के निर्माण के लिए भारत-रूस संयुक्त प्रोजेक्ट एक अन्य परियोजना है जिसे आगे बढ़ाने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अपेक्षित शिखर सम्मेलन से पहले इसे फिर से शुरू किया जा सकता है.

जबरदस्त उत्साह के बीच पहली बार 2018 में इस सौदे की घोषणा की गई थी लेकिन मूल्य वार्ताओं को लेकर टकराव बना हुआ था. इंडो-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), कलाशनिकोव कंसर्न और रोसोबोरोनेक्सपोर्ट (सैन्य निर्यात के लिए रूसी राज्य एजेंसी) के बीच एक संयुक्त उद्यम, एके 203 राइफल के लिए किसी निर्धारित मूल्य पर पहुंचने में विफल रहा है.

यह उम्मीद की गई थी कि प्रत्येक राइफल की कीमत लगभग 1,100 डॉलर होगी लेकिन कई मुद्दों के कारण इसकी कीमत बढ़ी. रक्षा मंत्रालय ने अब इस गतिरोध को खत्म करने के लिए एक समिति का गठन किया है.

इस देरी के कारण सेना को अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए अमेरिका से तेज प्रक्रिया के तहत एसआईजी 716 राइफलों के ऑर्डर के लिए बाध्य किया. पहले से ही आ चुकी 72,000 एसआईजी राइफलों के बाद, अब सेना 72,000 राइफल्स की आपातकालीन खरीद की तरफ बढ़ रही है.


यह भी पढ़ें: बीजेपी सिर्फ सरकार नहीं चला रही है, वो ये भी तय कर रही है देश में किन मुद्दों पर चर्चा होगी


अन्य प्रोजेक्ट्स

इस हफ्ते की शुरुआत में, दिप्रिंट ने मोदी सरकार की सार्वजनिक घोषणाओं से पहले ही सात मेगा मेक इन इंडिया परियोजनाओं की पहचान की थी, जो अभी तक शुरू नहीं हुई हैं. दो परियोजनाएं जो अब शुरू हो रही हैं वो इस सूची में शामिल हैं.

सूत्रों ने संकेत दिया कि भारतीय वायु सेना के लिए नए लड़ाकू विमानों को शामिल करने वाली एक तीसरी परियोजना में समय लग सकता है.

भारत इस समय 2016 में फ्रांस से ऑर्डर किए गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया में है. ऐसी अटकलें हैं कि भारत अतिरिक्त 36 राफेल जेट खरीदने का फैसला कर सकता है. हालांकि, अभी तक इस पर कोई स्पष्टता नहीं है.

इस बीच, सूत्रों ने कहा कि नौसेना युटिलिटी हेलीकॉप्टर और कामोव हेलिकॉप्टरों के लिए औपचारिक निविदा जारी करने का काम जारी है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्थिति अभी भी गंभीर, परिवार ने उनकी मौत की अफवाहों को किया खारिज


 

share & View comments