नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) गुरुकुल से पढ़े विद्यार्थियों को ‘सेतुबंध विद्वान योजना’ के तहत भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों (आईआईटी) में शोध करने का अवसर मिलेगा। एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में बताया गया कि ये विद्यार्थी भाषा एवं वाग्विश्लेषण विद्या, इतिहास एवं सभ्यता विद्या, धर्मशास्त्र एवं लौकिकशास्त्र विद्या,गणित-भौत-ज्यौतिष विद्या कृषि एवं पशुपालन विद्या, दण्डनीति विद्या और राजनीति एवं अर्थशास्त्र विद्या समेत कुल 18 विषयों में आईआईटी में शोध कर सकते हैं। साथ में उन्हें आकर्षक छात्रवृत्ति भी मिलेगी।
इसके मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के दिल्ली स्थित भारतीय ज्ञान परम्परा (आईकेएस) प्रभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुकुल से पढ़े विद्यार्थियों के लिए यह योजना शुरू की गई है।
बयान में कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य भारतीय पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक शिक्षा के बीच सेतु स्थापित करना है। साथ में जिन छात्रों ने पारंपरिक पद्धति से अध्ययन किया है, लेकिन उनके पास औपचारिक डिग्री नहीं है, वे अब अपनी विद्वत्ता प्रमाणित करके मान्यता प्राप्त डिग्री के साथ-साथ शोध के लिए छात्रवृत्ति भी प्राप्त कर सकेंगे।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी के कहा की ‘सेतुबंध योजना’ के माध्यम से गुरुकुल परंपरा के छात्रों को डिग्री, शोध और सम्मान के नए द्वार खोलने वाली यह पहल भारतीय शिक्षा जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
प्रो. वरखेड़ी ने बताया कि इस योजना के माध्यम से गुरुकुल पद्धति से प्रशिक्षित उत्तम मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में स्वर्णिम अवसर प्राप्त होंगे।
बयान के मुताबिक, इस योजना के लिए अधिकतम 32 वर्ष आयु तक के ऐसे विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी भी गुरुकुल से कम से कम पांच वर्षों का पारंपरिक अध्ययन किया हुआ है।
इसमें बताया गया है कि दो श्रेणियों में छात्रवृत्ति दी जाएगी जिसमें स्नातक के समकक्ष श्रेणी में 40 हजार रुपये प्रतिमाह और परास्नातक के समकक्ष श्रेणी में 65,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।
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