कोलकाता, दो मार्च (भाषा) कोविड-19 महामारी और भूराजनीतिक अनिश्चितताओं के उदाहरण देते हुए जानेमाने अर्थशास्त्री और भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने संस्थान में पढ़ाई कर रहे छात्रों से यहां से बाहर निकलने पर अनिश्चितताओं के लिए तैयार रहने को कहा।
आईएसआई के 56वें दीक्षांत समारोह में देबरॉय ने कहा कि अर्थशास्त्री जोखिम और अनिश्चितताओं के बीच अंतर करने में समर्थ होते हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के भी अध्यक्ष देबरॉय ने कहा, ‘‘अनिश्चितताओं की स्थिति में संभावनाएं पता नहीं होतीं, वहीं जोखिम के मामले में संभावनाएं ज्ञात होती हैं।’’
उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘जब भारत और दुनिया कोविड के भयावह खतरे से उबर रहे हैं, हमारा सामना एक और भूराजनीतिक अनिश्चितता से हुआ है। जब आप बाहर निकलेंगे तो दुनिया और भी अधिक अनिश्चित होगी। इसलिए मैं कहूंगा कि ‘आप जो पाते हैं, उसकी चाहत कर सकते हैं’ और ऐसा नहीं होगा कि ‘आप जो चाहें, उसे पा लें’।’’
‘भूराजनीतिक अनिश्चितता’ से संभवत: उनका आशय यूक्रेन संकट से था।
देबरॉय ने डिजिटल तरीके से दिये अपने भाषण में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विद्यार्थी चुनौतियों से उबरेंगे और भारत को गौरवान्वित करने में मदद करेंगे।
भाषा वैभव माधव
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